दुष्कर्म मामले में फंसे पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद बेल पर बाहर आए....

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Update: 2020-09-10 16:45 GMT
दुष्कर्म मामले में फंसे पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद बेल पर बाहर आए....
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सपा सरकार के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को सामूहिक दुष्कर्म मामले में बीते शुक्रवार को दो माह की अंतरिम जमानत मिली है। लेकिन जेल से बाहर आने के बाद भी गायत्री की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। गुरुवार को उन पर लखनऊ के गाजीपुर थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों के तहत एक और एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला और उसकी बेटी के वकील रहे दिनेश चंद्र त्रिपाठी की तहरीर पर दर्ज हुई है। वकील ने महिला व उसकी बेटी को भी आरोपी बनाया है।

वहीं, अधिवक्ता दिनेश चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक वर्ष 2017 में उन्होंने पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य के खिलाफ चित्रकूट निवासी महिला की तहरीर पर दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इस मामले की वह पैरवी कर रहे थे। फरवरी 2019 में दुष्कर्म की एफआइआइ दर्ज कराने वाली महिला ने उनसे गायत्री व अन्य आरोपितों के पक्ष में शपथ पत्र लगाने की बात कही थी। अधिवक्ता ने जब इसका विरोध किया तो वह नाराज हो गई और धमकी देने लगी थी। अधिवक्ता का आरोप है कि महिला ने उन पर दुष्कर्म की एफआइआर दर्ज कराने की धमकी दी थी।

पुलिस कमिश्नर ने दो अफसरों को किया निलंबित

बिना उच्चाधिकारियों की जानकारी दिए राम सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने गौतमपल्ली इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश और क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर मकदमे के विवेचक अजीत सिंह को निलंबित कर दिया है।

अराधना मौर्या

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