महामारी से बिगड़े हालात पर कोर्ट ने जताई नाराज़गी, हाईकोर्ट ने कहा- ये नरसंहार से कम नहीं....

Update: 2021-05-05 08:09 GMT



देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर में ऑक्सीजन का संकट बरकरार है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि अस्पतालों को ऑक्सीजन न देना एक अपराध है, जो नरसंहार से कम नहीं है. इसके दोषी वे हैं, जो इसकी सप्लाई के लिए जिम्मेदार हैं.

हाईकोर्ट ने COVID-19 पर चल रही एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सरकारी पोर्टल पर अस्पतालों में कोविड के बेड उपलब्ध दिखाए जा रहे हैं, जबकि अस्पतालों को फोन करने पर वे कहते हैं कि बेड नहीं हैं.

गौरतलब है कि, यूपी में संक्रमण से मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है. कई मामलों में ऑक्सीजन का लेवल गिरता जाता है और उन्हें बचाने के लिए आक्सीजन की आवश्यकता पड़ता है. चूंकि, प्रदेश के अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और दूसरी ओर ऑक्सीजन गैस की मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिसके चलते अस्पतालों में मरीज जान गंवा रहे हैं.

बता दें कि यूपी पंचायत चुनाव के दौरान नियमों के उल्लंघन को लेकर हाईकोर्ट ने इलेक्शन कमीशन से अगली सुनवाई पर काउंटिंग का सीसीटीवी फुटेज मांगा है. कोर्ट ने पेन ड्राइव में अगली सुनवाई पर काउंटिंग एरिया और सेंटर दोनों के फुटेज मांगे हैं. कोर्ट ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, गाजियाबाद, मेरठ, गौतम बुद्ध नगर और आगरा जिलों की फुटेज मांगी है.

अराधना मौर्या

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