सूत्रों की माने तो स्पीकर सतीश महाना ने पूर्व मंत्री एवं विधानसभा सदस्य आजम खान की सदस्यता रद्द कर दी है।
हाल में ही आजम खान के खिलाफ फैसला आया था जिसमें हेट स्पीच के कारण उनको 3 साल की सजा हो गई है।
आजम खान अगर चाहे तो इस निर्णय को बड़ी अदालत में चैलेंज कर सकते हैं पर उनके द्वारा इस तरह का कोई डिसीजन लेने से पहले ही विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया है।
अब बड़ा प्रश्न यह उठता है कि अगर ऊपर की अदालत ने उनकी सजा को खत्म कर दिया तब उनके विधानसभा सदस्य ना रहने पर किसी तरह का कोई संवैधानिक संकट तो नहीं होगा।
सियासत में कभी सत्ता के केंद्र बिंदु रहे आजम खान आज न सिर्फ सत्ता से दूर हैं बल्कि उनको उनके किए गए पिछले कार्यों के लिए रह रह कर दंड भी मिल रहा है।
ये वक्त ही है कि एक समय उनके नजरें घुमाने पर जहां सरकार सिहर जाती थी, आज उन्हीं नजरों में कोई तेजी नहीं रह गई। क्योंकि आजम ने सिर्फ एक धर्म को लेकर राजनीति की, सबके नेता बनने की जगह सिर्फ एक धर्म के नेता बनने का खामियाजा आजम खान को भुगतना पड़ रहा है।