अप्रैल में भारत की सेवा गतिविधियों की वृद्धि दर 14 साल में सबसे तेज, पीएमआई के आंकड़े जारी

Update: 2024-05-06 12:09 GMT

देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर अप्रैल में थोड़ी कम रही, लेकिन इस दौरान अनुकूल आर्थिक हालात और मजबूत मांग के बीच नये कारोबार और उत्पादन की वृद्धि 14 साल में सबसे तेज रही। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स मार्च के 61.2 से गिरकर अप्रैल में 60.8 पर आ गया।

सर्वेक्षण के सदस्यों ने उत्पादन में ताजा तेजी के लिए अनुकूल आर्थिक परिस्थितियों, मांग में मजबूती और नए काम बढ़ने को जिम्मेदार बताया। परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की भाषा में सूचकांक का 50 से ऊपर रहना विस्तार को दर्शाता है जबकि 50 से नीचे रहना संकुचन को दर्शाता है।

एचएसबीसी के मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री प्रांजल भंडारी ने कहा, 'नए ऑर्डरों में और तेजी से भारत की सेवा गतिविधियां अप्रैल में थोड़ी नरम गति से बढ़ीं। इस दौरान घरेलू मांग में तेजी के अलावा, फर्मों ने दुनिया के कई हिस्सों से नए व्यापार लाभ का उल्लेख किया। सितंबर 2014 में पीएमआई सीरीज शुरू होने के बाद से अंतरराष्ट्रीय बिक्री में दूसरी सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई।हालांकि, कई कंपनियों ने संकेत दिया कि वर्तमान आवश्यकताओं के लिए पेरोल संख्या पर्याप्त थी, और नौकरी सृजन की दर पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में देखी गई तुलना में मामूली और नरम थी।

भंडारी ने कहा, 'नए ऑर्डर बढ़ने के कारण कंपनियों ने अपने कर्मचारियों का स्तर बढ़ाया, हालांकि नियुक्तियों में वृद्धि की रफ्तार सुस्त रही।कीमत के मोर्चे की बात करें तो मजदूरी के दबाव और उच्च खाद्य कीमतों कारण लागत में इजाफा हुआ, जिसका भार फर्मों ने आंशिक रूप से अपने ग्राहकों पर डाला। भंडारी ने कहा, 'इनपुट कॉस्ट लगातार तेजी से बढ़ रही है, हालांकि यह मार्च की तुलना में धीमी है, लेकिन इससे सर्विस फर्म्स के मार्जिन में कमी आई है। कीमतों के बढ़ने से इसके एक हिस्से का भार फर्मों ने ग्राहकों पर डाला है।

एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स अप्रैल में 61.5 तक पहुंच गया, जो मार्च में 61.8 था। नवीनतम रीडिंग 14 वर्षों में सबसे अधिक रही और यह निजी क्षेत्र में विस्तार की पर्याप्त दर का संकेत है।

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