भारत में डीमैट अकाउंट की संख्या जून में बढ़कर 16.2 करोड़ हुई

Update: 2024-07-12 09:56 GMT

देश में डीमैट अकाउंट की संख्या जून में 42 लाख बढ़कर 16.2 करोड़ हो गई है। जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

चालू वित्त वर्ष में औसत 34 लाख डीमैट अकाउंट हर महीने खोले गए हैं।



मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल डिपॉजिटरीज सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) की बाजार हिस्सेदारी (कुल डीमैट खातों की संख्या में) लगातार बढ़ती जा रही है।

रिपोर्ट में बताया गया कि कुल डीमैट अकाउंट की संख्या के मामले में सालाना आधार पर नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरीज लिमिटेड (एनएसडीएल) का मार्केट शेयर 4.3 प्रतिशत गिरा है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर एक्टिव क्लाइंट्स की संख्या में मासिक आधार पर 3.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और जून में यह 4.42 करोड़ हो गई है।

मौजूदा समय में देश के पांच टॉप डिस्काउंट ब्रोकर के पास एनएसई के 64.4 प्रतिशत एक्टिव क्लाइंट्स हैं। यह आंकड़ा जून 2022 में 58.2 प्रतिशत था।

ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म जीरोधा के क्लाइंट बेस मासिक आधार पर 2.1 प्रतिशत बढ़कर 77 लाख हो गया। हालांकि, उसका मार्केट शेयर 0.20 प्रतिशत गिरकर 17.3 प्रतिशत रह गया है।

ग्रो के क्लाइंट बेस 5.4 प्रतिशत बढ़कर 1.09 करोड़ हो गया है। इसका मार्केट शेयर 0.55 प्रतिशत बढ़कर 24.7 प्रतिशत हो गया है। एंजेल वन के क्लाइंट बेस में 3.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

भारत में बड़ी संख्या में डीमैट अकाउंट खुलने की वजह आम जनता का शेयर बाजार की तरफ रुझान बढ़ना है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सूचकांक सेंसेक्स ने इस वर्ष की शुरुआत से अब तक निवेशकों को 10 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है।

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