रोहित वेमुला केस की क्लोजर रिपोर्ट पर छिड़ा बवाल, DGP बोले- फिर से करवाएंगे जांच

Update: 2024-05-04 08:08 GMT

रोहित वेमुला की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों है. दरअसल इस मामले में तेलंगाना पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट पर रोहित की मां और भाई ने संदेह जताया है। हालांकि अब तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रवि गुप्ता ने विवाद बढ़ने के बाद रोहित वेमुला आत्महत्या केस में आगे की जांच के आदेश दिए हैं।

इससे पहले रोहित वेमुला के परिजन ने शुक्रवार को कहा था कि वे रोहित के आत्महत्या मामले में तेलंगाना पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को कानूनी रूप से चुनौती देंगे। रोहित के भाई राजा वेमुला ने दावा किया कि जिलाधिकारी (डीएम) ने परिवार के अनुसूचित जाति के होने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया।

रोहित वेमुला के परिवार द्वारा व्यक्त किए गए संदेह का जिक्र करते हुए तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक रवि गुप्ता ने कहा कि संबंधित अदालत में एक याचिका दायर की जाएगी और मजिस्ट्रेट से आगे की जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया जाएगा। डीजीपी गुप्ता ने कहा, ‘चूंकि मृतक रोहित वेमुला की मां और अन्य लोगों ने जांच पर कुछ संदेह व्यक्त किया है, इसलिए मामले में आगे की जांच करने का निर्णय लिया गया है।’

रोहित वेमुला ने 2016 में आत्महत्या कर ली थी। पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट में दावा किया गया कि रोहित वेमूला दलित नहीं था और उसने ‘असली पहचान’ जाहिर होने के डर से आत्महत्या की थी। पुलिस ने इस मामले में सबूतों की कमी का हवाला देते हुए आरोपियों को ‘क्लीन चिट’ दे दी। इस मामले में हैदराबाद विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति अप्पा राव पोडिले और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बंडारू दत्तात्रेय, भाजपा के पूर्व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) एन. रामचंद्र राव के साथ-साथ एबीवीपी के कुछ नेता भी आरोपी थे।

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