एलयू: सातवें अंतरास्ट्रीय योग दिवस के क्रम में दैनिक जीवन में योग के महत्व को लेकर हुआ कार्यक्रम का आयोजन

Update: 2021-06-15 13:51 GMT

लखनऊ विश्वविद्यालय एवं विश्विद्यालय अनुदान आयोग की संस्था इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर योगिक साइंस, बैंगलोर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सातवें अंतरास्ट्रीय योग दिवस के क्रम में दैनिक जीवन में योग का महत्व के प्रथम सत्र में प्रोफेसर ईश्वर भारद्वाज, पूर्व विभागाध्यक्ष, योग विभाग, गुरुकुल कांगड़ी विश्विद्यालय, हरिद्वार ने बताया कि कोरोना काल में गौमुखासन, उष्ट्रासन, एवं उज्जायी प्राणायाम तथा योग की षट्कर्म क्रिया धौति लाभदायक है धौति क्रिया से शरीर की आंतरिक सफाई करने में मदद मिलती है, इन सब योगिक क्रियाओ के माध्यम से शारीरिक तथा मानसिक शुद्धि होती है।

फैकल्टी के कोऑर्डिनेटर डॉ अमरजीत यादव ने बताया कि कोरोना वायरस बहुत ही तेजी से फेफड़े को प्रभावित करता है प्रतिदिन सूर्यनमस्कार का अभ्यास एवं भस्त्रिका एवं अनुलोम विलोम प्राणायाम के लिए समय निकलना जरूरी है इन अभ्यासों से शरीर के रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। द्वितीय सत्र में प्रोफेसर जी डी शर्मा पूर्व विभागाध्यक्ष, योग डिपार्टमेंट, हिमांचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला, ने कहा कि आज के संकट के समय मे प्राचीन पारंपरिक जीवन शैली को अपनाना चाहिए, प्राचीन भारतीय जीवन शैली स्वाभाविक रूप से तन और मन को लाभ प्राप्त कराती है। तृतीय सत्र में डॉ कामाख्या कुमार, विभागाध्यक्ष, योग विभाग, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार, ने बताया की योग निद्रा के माध्यम से हम शरीर की ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं और विभिन्न प्रकार के आसन जैसे मंडूकासन, पवनमुक्तासन, इत्यादि से पेट सम्बन्धित बीमारियों में लाभदायक है तथा भ्रामरी प्राणायाम से मन तथा ऑक्सिजन लेवल संतुलित करने के लिए मकरासन, भुजंगासन लाभदायक हैं। वेबिनार में फ़ैकल्टी के समस्त शिक्षक, छात्र छात्राओं एव योग प्रशिक्षको ने सहभागिता की।


अराधना मौर्या

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