अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में एक्टिविटी क्लब द्वारा ‘विश्व पर्यावरण दिवस‘ के अवसर पर भूभि बहाली, मरूस्थलीकरण और सूखा प्रतिरोध विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने कहा कि जून का ज्येष्ठ महीना पर्यावरण के महत्व की याद दिलाता है। प्रकृति में संतुलन बना रहे इसके लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज संपूर्ण विश्व मौसम परिवर्तन से गुजर रहा है। लोगों द्वारा खेती में कीटनाशक का अधिक उपयोग किया जा रहा है। ये मनुष्य के स्वास्थ्य के साथ साथ पर्यावरण की सुरक्षा से भी खिलवाड़ है। इससे सभी को जागरूक होना होगा। कुलपति ने पंजाबी कविता के माध्यम से बताया कि सभी मनुष्यों को अपने जीवन में कम से कम एक पेड़ अवश्य रोपित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वृक्षारोपण के साथ पोषण भी करना होगा। इससे भावी पीढ़ी की सुरक्षा के साथ पर्यावरण को सुरक्षित कर सकते है। कुलपति ने कहा कि हमारे शरीर में जो पांच तत्व है वे पांचों तत्व प्रकृति से ही जुड़े हुए है। इनमे सामंजस्य का होना बहुत जरूरी है। इसके बिना मानव का अस्तित्व नही है। पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए सभी का योगदान होना चाहिए।
वेबिनार के मुख्य वक्ता प्रो जसवंत सिंह, पर्यावरण विभाग, अवध विश्वविद्यालय ने बताया कि प्रदूषण में वृद्धि के कारण 40 प्रतिशत भूमि अब रहने लायक नहीं रही। प्राचीन समय में हमारे पूर्वज पेड़ों, नदियों की पूजा किया करते थे जो वास्तव में इस बात का प्रतीक रहा है कि हमें प्रकृति से जो कुछ मिला है हमें उसका आदर करते हुए उसका उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमे जो ऑक्सीजन प्राप्त हो रहा है उसके लिए 28 पेड़ों की आवश्यकता होती है। इसीलिए एक मनुष्य को कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। कार्यक्रम में प्रो0 सिंह ने कहा कि आज विकास के नाम पर पर्यावरण की अनदेखी की जा रही है।
जिसके कारण 45 से 48 डिग्री का तापमान बढ़ जा रहा है। लोग पहाड़ों की ओर पलायन कर रहे है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। इसके प्रति जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को पर्यावरण मित्र बनना होगा। क्योंकि ब्रह्माण्ड के किसी ग्रह पर जीवन नही है। बल्कि पृथ्वी ग्रह पर जीवन है। इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा। वृक्ष रोपित कर उसके भरण पोषण की जिम्मेदारी लेनी होगी।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन प्रो0 नीलम पाठक द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 स्नेहा पटेल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुरेंद्र मिश्र द्वारा दिया गया। तकनीकी सहयोग इंजीनियर संजय चैहान ने किया। इस अवसर पर प्रो0 राजीव गौड़, डॉ अवध नारायण, डॉ महिमा चैरसिया, डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डॉ0 संजीव श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रही।