संगीत से शारीरिक कार्य क्षमता में सुधारः प्रो0 आशुतोष सिन्हा

Update: 2025-05-20 12:39 GMT


अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संगीत एवं अभिनय कला और भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 15 दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ। गायन एवं नृत्य कार्यशाला के अंतिम दिन प्रतिभागी छात्र छात्राओं ने सुंदर सावन की छटा.....मनमोहक स्वरों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं मिर्जापुर की कजरी, बनारसी कजरी, अवधी कजरी, मनिहारी गीत, झूला गीत, मेहंदी गीत, बिरना गीत, मेघमानवन गीत की प्रस्तुति ने सभी का मनमोह लिया एवं सराहे गए। इस कार्यशाला में कला एवं मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो0 आशुतोष सिन्हा, समन्वयक प्रो0 सुुरेन्द्र मिश्र व मुख्य प्रशिक्षिका डाॅ0 रचना श्रीवास्तव द्वारा प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित कर उत्साहवर्धन किया गया।

कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए प्रो0 सिन्हा ने बताया कि संगीत मन को स्थिर कर निरोगी काया प्रदान करता है। चिकित्सा के क्षेत्र में संगीत का उपयोग थेरेपी में की जा रही है। संगीत सुनने से चिंता और तनाव को कम किया जा सकता है। इससे शारीरिक कार्य क्षमता में सुधार होगा। अंत में उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए निरन्तर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

कार्यशाला की मुख्य प्रशिक्षिका डॉ0 रचना श्रीवास्तव ने बताया कि लोक संगीत में संगीत की समरसता और अवसरों के अनुरूप सम ताल हैं। हर्ष और विषाद की स्वर लहरिया लोक धुनों की अनंत विविधताएं हैं। इनमें अनंत संभावनाएं देखी जा सकती हैं। इस अवसर पर प्रो0 विनोद श्रीवास्तव, प्रो0 प्रिया कुमारी, डॉ0 सरिता द्विवेदी, डॉ0 रीमा सिंह, डॉ0 नेहा श्रीवास्तव, डॉ0 अलका श्रीवास्तव सहित प्रतिभागी मौजूद रहे।

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