प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण से रोजगार एवं आय की संभावनाएं बढ़ीः प्रो0 प्रेम एस0 वशिष्ठ

Update: 2024-03-11 12:35 GMT

अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग मंे ’’प्रभु श्रीराम मंदिर के आर्थिक निहितार्थ विषयक’’ एक दिवसीय राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन सेमिनार हाॅल में किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रमुख अर्थशास्त्री एवं नीति निर्माता, नई दिल्ली के प्रो0 प्रेम एस0 वशिष्ठ ने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण से अर्थव्यवस्था के प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक तीनो क्षेत्रों का गुणात्मक सिद्धान्त के अन्तर्गत आकस्मिक रोजगार एवं आय की संभावनाएं तीन से चार गुना बढ़ी है।

सूक्ष्म, कुटीर एवं लघु आधारित व्यवसाय से जुडे़ हुए लोगो को सतत स्थानीय रोजगार प्राप्त होता रहेगा। उन्होंने कहा कि यदि रोजगार एवं आय की सूक्ष्मता एवं लघुता को औद्योगिक क्षेत्र में परिवर्तित कर दिया जाए तो असंगठित क्षेत्र का यह विकास आय एवं रोजगार के संगठित विकास एक आधार बनेगा। कार्यक्रम में प्रो0 वशिष्ठ ने बताया कि अयोध्या दर्शन के दौरान उन्हे होर्डिंग पर लिखी एक लाइन ने काफी आकर्षित किया जिसमें लिखा था ’’विरासत भी विकास भी’’। हमारी विरासत ही हमारे विकास का साधन होती है। संस्कृति के द्वारा आज अयोध्या का विकास इतनी तेजी से हो रहा है क्योंकि लोग यहाँ के विकास से आकर्षित होकर यहां पर निवेश कर रहे जिससे कई तरह के रोजगार को बढावा मिल रहा है और हमारी अर्थव्यवस्था और देश के लिए कई तरह के नए स्रोत विकसित करेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो0 मृदुला मिश्रा, ने बताया कि राम मंदिर निर्माण से अवध क्षेत्र के साथ पूरे प्रदेश से संरचनात्मक सुविधाओं का विकास हुआ है। कार्यक्रम में विभाग के आचार्य एवं महासचिव उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड अर्थिक संघ प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मंदिर निर्माण से प्रभु श्रीराम के अर्थशास्त्र को समावेशी विकास से जोड़ना अति प्रासंगिक होगा। जब से प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हुई है तब से अयोध्या क्षेत्र में पर्यटन विकास, रोजगार के अवसर की संभावनाएं स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रही है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण एवं प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही उत्तर-प्रदेश के सकल घरलू उत्पाद में जी0एस0टी0 में बृद्धि हुई है। अवध क्षेत्र के लोगो में चक्रानुक्रम में लगभग दो से तीन प्रतिशत की रोजगार अवसर में वृद्धि हुई है जिससे लोगो का जीवन खुशहाल हुआ है।

कार्यक्रम में सह-आचार्य डाॅ0 प्रिया कुमारी व डाॅ0 अलका श्रीवास्तव ने मंदिर निर्माण के सापेक्ष बढ़ रही ऊपर सुविधाओं की व्यापकता पर प्रकाश डाला। इसी क्रम में ललित कला की डाॅ0 सरिता द्विवेदी एवं श्रीमती रीमा सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रो0 प्रेम एस0 वशिष्ठ एवं प्रो0 मृदुला मिश्रा द्वारा माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो0 विनोद श्रीवास्तव ने किया। अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 अलका श्रीवास्तव द्वारा किया गया। इस अवसर पर उर्मिल वशिष्ठ, न्यूर्याक से आयी मोनिका वशिष्ठ, आशीष प्रजापति, कुशाग्र पाण्डेय, विजय कुमार शुक्ला, हीरालाल यादव एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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