टीएचई इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग-2026 में सीएसजेएमयू की एंट्री, 501-600 वैश्विक बैंड में हासिल किया स्थान
कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय सफलता अर्जित करते हुए टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग्स-2026 में पहली बार स्थान प्राप्त किया है। अपनी प्रथम एंट्री में ही विश्वविद्यालय ने 501-600 वैश्विक बैंड में जगह बनाकर अंतरराष्ट्रीय पहचान को मजबूत किया है। इस उपलब्धि के साथ सीएसजेएमयू उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में दूसरे स्थान पर रहा, जिससे उसकी शैक्षणिक प्रतिष्ठा और नेतृत्व क्षमता और अधिक सुदृढ़ हुई है।
टीएचई और श्मिट साइंस फ़ेलोज़ द्वारा विकसित आईएसआर रैंकिंग विश्वभर के विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन इस आधार पर करती है कि वे बहु-विषयक वैज्ञानिक अनुसंधान में किस स्तर की उत्कृष्टता प्रदर्शित करते हैं। यह रैंकिंग उन संस्थानों को विशेष महत्त्व देती है जो विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों की अवधारणाओं, तकनीकों और दृष्टिकोणों को एकीकृत कर जटिल वैश्विक समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रभावी शोध कार्य करते हैं। कठोर मूल्यांकन मानदंडों के कारण आईएसआर को विश्व की सबसे प्रतिष्ठित और भरोसेमंद रैंकिंग्स में गिना जाता है।
इंटरडिसिप्लिनरी शोध नवाचार को गति देने के साथ-साथ वैश्विक चुनौतियों के समाधान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने और एक सक्षम वैज्ञानिक वातावरण के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही वजह है कि इस रैंकिंग में स्थान प्राप्त करना किसी भी विश्वविद्यालय की शोध क्षमता, शैक्षणिक व्यवस्था और नवाचार-उन्मुख दृष्टि का सशक्त सूचक माना जाता है।
इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि सीएसजेएमयू की सफलता, विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के दूरदर्शी मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने इसे बहु-विषयक शोध संस्कृति, वैश्विक मानकों के अनुरूप अनुसंधान प्रतिबद्धता और नवाचार को प्रोत्साहित करने वाली शैक्षणिक नीति का प्रमाण बताया। प्रो. पाठक ने सभी संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं, विद्वानों और कर्मचारियों के निरंतर परिश्रम की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी।
यह उपलब्धि सीएसजेएमयू की विकसित होती शोध पारिस्थितिकी, मजबूत शैक्षणिक ढांचे और बहु-विषयक सहयोग आधारित दृष्टिकोण को और गति प्रदान करेगी। साथ ही इससे विश्वविद्यालय की वैश्विक पहचान सुदृढ़ होगी तथा अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों, उत्कृष्ट शोधार्थियों और उन्नत शोध वित्तपोषण के नए अवसर खुलेगे। विश्वविद्यालय विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्टता की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर है।