भाषा विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर विधि संकाय ने किया विधिक जागरूकता अभियान का आयोजन
लखनऊ। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (8 सितम्बर) के अवसर पर ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ के विधि अध्ययन संकाय द्वारा बेसिक विद्यालय, रायपुर, चिनहट में "शिक्षा का अधिकार" विषय पर विधिक सहायता जागरूकता अभियान आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय तनेजा के प्रेरक संबोधन से हुआ। उन्होंने प्रतिभागियों को समाज सेवा हेतु विधिक ज्ञान का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया तथा कहा कि सच्ची शिक्षा तभी सार्थक है जब वह वंचितों को सशक्त बनाए।
विधि अध्ययन संकाय के डीन प्रो. मसूद आलम ने शिक्षा के अधिकार और उसके व्यावहारिक क्रियान्वयन के बीच की खाई को पाटने की आवश्यकता पर बल दिया। संकायाध्यक्ष डॉ. पीयूष कुमार त्रिवेदी ने शिक्षा के अधिकार पर संक्षिप्त परिचर्चा प्रस्तुत करते हुए अभिभावकों से विशेषकर बालिकाओं को विद्यालय भेजने का आग्रह किया।
संकाय सदस्य डॉ. श्वेता त्रिवेदी ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया, वहीं सुश्री Tanya Sagar ने ‘सर्व शिक्षा अभियान’ जैसी सहयोगी योजनाओं की जानकारी दी।
विद्यालय के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए शिक्षा के अधिकार (अनुच्छेद 21-ए, भारतीय संविधान) से जुड़े विविध मुद्दों—शिक्षा का डिजिटलीकरण, मध्यान्ह भोजन योजना, बाल कल्याण कार्यक्रम, बालिका शिक्षा तथा दिव्यांग बच्चों की शिक्षा—पर विचार-विमर्श किया। विद्यार्थियों ने यह भी बताया कि "स्वच्छ पेयजल" और "सुरक्षित एवं स्वच्छ शौचालय" शिक्षा के अधिकार को वास्तविक रूप से सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने अभिभावकों के मौलिक कर्तव्यों (अनुच्छेद 51-ए (क), भारतीय संविधान) की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उन्हें अपने बच्चों को विद्यालय में नामांकित कराने के लिए प्रेरित किया। साथ ही शिक्षकों की जिम्मेदारी पर भी जोर दिया कि वे समय पर कक्षा में उपस्थित रहें और अपने विषय ज्ञान को अद्यतन बनाए रखें।
अंत में संकाय सदस्य श्री अंशुल पांडेय ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं, अभिभावकों एवं शिक्षकों ने सक्रिय रूप से सहभागिता की।
यह जागरूकता अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ