ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय द्वारा “एक विज्ञान, अनेक आयाम: प्रकृति, पोषण और नवाचार की खोज” विषय पर भव्य ओरिएंटेशन-कम-सेमिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गृह विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, प्राणी विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, सूक्ष्मजीवविज्ञान, गणित एवं कंप्यूटर विज्ञान विभागों के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। मुख्य अतिथि प्रो. अब्बास अली महदी, कुलपति, एरा विश्वविद्यालय एवं विशिष्ट अतिथि प्रो. गजानन पांडेय, पूर्व अध्यक्ष, रसायन विज्ञान, बीबीएयू का स्वागत किया गया। स्वागत भाषण डॉ. तत्हीर फ़ातिमा, अधिष्ठाता, विज्ञान संकाय एवं कार्यक्रम संयोजक ने प्रस्तुत किया।
प्रो. पांडेय ने समग्र विकास एवं नई शिक्षा नीति पर अपने विचार साझा किए और वैज्ञानिक शिक्षा में “क्यों, क्या और कैसे” जैसे प्रश्नों की महत्ता पर प्रकाश डाला। वहीं, प्रो. महदी ने विद्यार्थियों को तनाव प्रबंधन और संतुलित आहार के महत्व पर प्रेरणादायक संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के युग में भी “मशीन के पीछे का मनुष्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।”
इस अवसर पर भाषा विश्वविद्यालय और एरा विश्वविद्यालय के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ। इस एमओयू का उद्देश्य शैक्षणिक एवं शोध सहयोग को सुदृढ़ करना है, जिससे संयुक्त पहल, संसाधनों का आदान-प्रदान तथा विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए नए अवसर उपलब्ध होंगे।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. अजय तनेजा, कुलपति, भाषा विश्वविद्यालय ने जिज्ञासा-आधारित शोध और नवाचार की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रारंभिक वैज्ञानिक खोजों की प्रेरक कहानियाँ सुनाकर आगे बढ़ने का संदेश दिया।
कार्यक्रम में प्रमाण पत्र वितरण समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें पोस्टर मेकिंग, राखी निर्माण, थाली सजावट एवं नो-फ्लेम कुकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया गया। अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ. रज़ा हैदरी ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों, आयोजकों, संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और सामूहिक फोटो सत्र के साथ हुआ।
ओरिएंटेशन सत्र में डॉ. रज़ा हैदरी ने विद्यार्थियों को शैक्षणिक प्रक्रियाओं एवं एबीसी आईडी पंजीकरण की जानकारी दी। यह आयोजन विद्यार्थियों को न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण से परिचित कराने वाला सिद्ध हुआ, बल्कि उन्हें वैज्ञानिक खोज की भावना अपनाने के लिए भी प्रेरित किया। इस अवसर पर प्रो॰ मसूद आलम, डॉ नीरज शुक्ला सहित समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे ।