आज है वर्ल्ड एड्स डे, जानें लक्षण और इस दिन का इतिहास..

Update: 2020-12-01 09:30 GMT

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प्रतिवर्ष विश्व एड्स दिवस पूरे विश्व में 1 दिसम्बर को लोगों को एड्स के बारे में जागरुक करने के लिये मनाया जाता है। एड्स ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (एचआईवी) वायरस के संक्रमण के कारण होने वाला महामारी का रोग है। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने साल 1995 में विश्व एड्स दिवस के लिए एक आधिकारिक घोषणा की थी, जिसके बाद से दुनिया भर में विश्व एड्स दिवस मनाया जाने लगा। एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान की संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। इतने सालों बाद भी अबतक एड्स का कोई प्रभावी इलाज नहीं है। इस बार की थीम एचआईवी महामारी समाप्त करना: लचीलापन और प्रभाव रखी गई है।

प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था परन्तु बाद में पता चला कि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। इसके बाद साल 1996 में HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर कार्य करना शुरू किया। एचआईवी फैलने को लेकर लोगों में कई गलत धाराणाएं हैं। मच्छर के काटने ,एचआईवी संक्रमित से हाथ मिलाने, साथ खाना खाने, बात करने और एक शौचालय के कई लोगों के इस्तेमाल करने से एचआईवी नहीं फैलता हैं।

शिवांग

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