आईसीएमआर ने बताया भारत में कोविड-19 से ठीक हुए मरीजों के दोबारा संक्रमित होने का खतरा...
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मंगलवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमण के तीन नए केस मिले हैं। इनमें से दो केस मुंबई और अहमदाबाद में एक केस सामने आया है। पूरी दुनिया में ऐसे केसों की संख्या 24 है। उन्होंने कहा कि री-इंफेक्शन केस के लिए अब तक डब्ल्यूएचओ ने भी कोई मानक तय नहीं किए हैं।आईसीएमआर के प्रमुख बलराम भार्गव ने पत्रकारों को बताया कि इसे और समझने के लिए अध्ययन अभी चल रहा है।
देश में रोजाना सामने आने वाले नए मामलों में बड़ी कमी आ रही है और ठीक होने वाले मरीजों की तादाद बढ़ रही है। पिछले 10 दिनों से प्रतिदिन मरने वालों की संख्या भी हजार के कम बनी हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय के मुताबिक पिछले पांच हफ्तों से प्रतिदिन औसत नए मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। सितंबर के दूसरे हफ्ते में औसत दैनिक नए मामलों की संख्या 92,830 थी और जो अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में घटकर 70,114 पर आ गई है।अगस्त में ही मुंबई में हुए एक शोध में सामने आया था कि शरीर में एंटीबॉडी बनने के बाद, वो संभवतः सिर्फ 50 दिनों तक ही शरीर में रहती हों। यह शोध जेजे अस्पताल समूह ने अपने 801 स्वास्थ्यकर्मियों पर सेरो सर्वेक्षण के जरिए किया था। इन कर्मचारियों से कम से कम 28 को अप्रैल-मई में कोविड-19 हुआ था और सात सप्ताह बाद जून में किए गए सेरो सर्वेक्षण में इनके शरीर में कोई एंटीबॉडी नहीं मिली।
अराधना मौर्या