इंदौर के एमवाय अस्पताल में 2 बोर्ड में भर्ती किए गए ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज, एकमात्र इंजेक्शन एंटीफंगल उपलब्ध नहीं....
वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के बाद अब ब्लैक फंगस नाम की बीमारी भी कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों में पाई जाने लगी है जिसकी वजह से लगातार लोगों की मौतें दर्ज की जा रही है।
बता दे कि एमवाई अस्पताल की पांचवी मंजिल पर ब्लैक फंगस संक्रमण के 30 मरीज भर्ती हैं। इन सभी के इलाज के लिए बीमारी में कारगर इंजेक्शन एंटी फंगल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। ऐसे में डॉक्टर के पास एक ही विकल्प है कि जब तक इंजेक्शन नहीं मिले आंख और साइनस में जहां-जहां संक्रमण बढ़ रहा है उसे निकाल दिया जाए।
आपको बता दें कि एमवाय अस्पताल में एक एंटीफंगल इंजेक्शन मिलता है तो उससे कई मरीजों की आंख सुरक्षित करने की कोशिश की जाती है। एमवाय अस्पताल में पहले एक वार्ड में ही ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती थे, लेकिन अब मरीज बढ़ने पर दो वार्ड में मरीजों को भर्ती किया गया है।
पिछले दिन में इस बीमारी से संतुलित 5 मरीजों की जान जा चुकी है जिनमें से चार की आंखें भी निकालनी पड़ी है। एमवाय अस्पताल के मेडिसीन विभाग के एचओडी डा. वीपी पांडे के मुताबिक एमवाय में ब्लैक फंगस संक्रमण से भर्ती मरीजों का अभी लाक्षणिक इलाज कर रहे हैं। आंख व साइनस में दूरबीन सर्जरी से फंगस हटाने का प्रयास कर रहे हैं। एंटी फंगल इंजेक्शन की जरूरत है, लेकिन बाजार में यह इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है।
यदि बात सिर्फ इंदौर की करें तो अब तक 250 मरीज इससे संक्रमित हो चुके हैं और आसपास के शहरों में भी काफी मरीजों का इलाज चल रहा है। ऐसे में लगातार इंजेक्शन की उपलब्धता बढ़ती जा रही है। जो उपलब्ध ना होने पर डॉक्टरों को बाजार के विकल्पों के तौर पर अन्य गोलियां मरीजों को देनी पड़ रही है परंतु वह कारगर साबित नहीं हो रही है।
नेहा शाह