गर्भावस्था के दौरान रोजाना कुछ मिनट जरूर टहलें, मिलेंगे ये फायदे

Update: 2024-01-25 04:15 GMT

गर्भावस्था आराम करने का समय लग सकता है, लेकिन इस दौरान सक्रिय रहना पहले से भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।खासतौर से जब तक कि आपको कोई जटिलता न हो और डॉक्टर द्वारा बिस्तर पर आराम करने की सख्त सलाह न दी जाए।इस समय रोजाना टहलना न केवल गर्भवती महिलाओं को शारीरिक और मानसिक बदलावों से निपटने में मदद कर सकता है, बल्कि आसान प्रसव के लिए तैयार होने में भी मदद कर सकता है।पीठ दर्द हो सकता है दूरगर्भावस्था के दौरान महिलाओं के ऊपर अतिरिक्त वजन आ जाता है, जो पीठ दर्द का कारण बनता है।

इसकी वजह से उनके लिए उठने-बैठने के लेकर कई सामान्य गतिविधियां तक करना मुश्किल हो जाता है, लेकिन रोजाना टहलने से पीठ दर्द से छुटकारा मिल सकता है।इस एक्सरसाइज से बढ़ते पेट को आसानी से उठाने के लिए रीढ़ की हड्डी को सहारा भी मिल जाता है।यहां जानिए गर्भावस्था में पीठ दर्द दूर करने के घरेलू नुस्खे।मानसिक स्वास्थ्य के लिए है अच्छारोजाना कुछ मिनट पार्क या किसी खुली जगह पर टहलने से ऊर्जा के स्तर और सहनशक्ति में बढ़ोतरी भी होने लगती है।टहलना बार-बार मूड में होने वाले बदलावों को ठीक करने और गर्भावस्था के तनाव से निपटने में भी सहायक है।

इससे दिमाग को शांत रखने में भी मदद मिलती है।यह एक्सरसाइज अनिद्रा की समस्या को दूर करके बेहतर नींद दिलाने में भी प्रभावी मानी जाती है।पाचन क्रिया में हो सकता है सुधारगर्भावस्था में कई महिलाओं के लिए कब्ज एक आम समस्या है और इससे राहत पाने के लिए भी टहलना लाभदायक हो सकता है।इससे पाचन समय तेज हो जाता है और मल त्यागना आसान हो जाता है। इसके अलावा इससे पेट की मांसपेशियों और अंगों की मालिश हो जाती है।साथ ही इस एक्सरसाइज से पाचन को सक्रिय करने में मदद मिलती है।यहां जानिए पाचन क्रिया में सुधार करने वाले घरेलू नुस्खे।वजन को नियंत्रित रखने में है कारगरगर्भावस्था में कई तरह की चीजें खाने का मन करता है और इससे वजन में बढ़ोतरी होना लाजिमी है।हालांकि, अगर आप अपने वजन को नियंत्रित रखना चाहती हैं तो रोजाना सुबह खाली पेट कुछ मिनट जरूर टहले।

इससे वजन कम करने में मदद मिलती है और इससे कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होते हैं।यह आपको फिट रखता है और गर्भकालीन मधुमेह समेत समय से पहले प्रसव के जोखिम को कम करता है।जोड़ों और प्रसव से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं दूरगर्भावस्था में बढऩे वाले वजन का प्रभाव न सिर्फ पीठ, बल्कि जोड़ों पर भी पड़ता है। इस वजह से बार-बार दर्द और ऐंठन की समस्याएं सामने आती हैं।हालांकि, रोजाना टहलने से जोड़ों पर तनाव नहीं पड़ता और यह एक अच्छी कार्डियो एक्सरसाइज है, जो मांसपेशियों को मजबूती देने में मदद कर सकती हैं।इसके अतिरिक्त गर्भावस्था में टहलने से प्रसव के दौरान कई जटिलताओं को कम करने में भी सहायता मिलती है।

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