विभाग के पास संसाधन की कोई कमी नहीं उपकरण व दवा कार्यालय की शोभा बढ़ाते देखे जा रहे हैं। ऐसे में नागरिक सुविधा नहीं देना उनके कार्य करने की उदासीनता को दर्शाता है जबकि विभाग रोस्टर के मुताबिक फागिंग सुविधा देने की बात करती है जो कागजी बात ही बनकर रह गया है। ठंड का मौसम बढऩे के साथ ही क्षेत्र के मुहल्ले में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। घर हो या दुकान, हर जगह मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। सुबह हो या शाम मच्छरों का हमला शुरू हो जाता है। जिसके कारण संक्रमण का खतरा, बीमारी के भय से लोग दिन में भी मच्छरदानी तथा मच्छर भगाने वाले क्वायल का प्रयोग करते हैं। गुडनाइट और मच्छर मारने वाले क्वायल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। चिकित्सकों का कहना है कि मच्छर मारने के लिए जो क्वायल या फिर गुडनाइट जलाते हैं, वह सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा नुकसानदायक है। लोगों की मानें तो मच्छरों के बचाव को निजी इंतजाम नहीं किए जाएं तो घंटे दो घंटे भी लोग शांति से बैठ नहीं सकते।
मच्छरों के आतंक से दिन में भी लोग परेशान हैं। क्षेत्र में फॉगिंग नहीं होने से खासकर मच्छरों के आतंक से छोटे बच्चे, बूढ़े एवं महिलाओं को अधिक कठिनाई हो रही है। विकासखंड क्षेत्र के अधिकांश मुहल्ले में जल जमा की समस्या बनी है । जलजमाव होने के कारण मच्छरों का प्रकोप बढऩा कोई बड़ी बात नहीं है। ऊपर से विकासखंड के ग्राम सभा के अधिकांश मुहल्ले के नाले में जमी गंदगी मच्छरों का आतंक बढ़ाने में सहायक साबित हो रही है। मुहल्ले में गंदगी होने के कारण संक्रामक रोग एवं मच्छरों का प्रकोप का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन इसकी परवाह प्रशासन व जनप्रतिनिधि को नहीं है।
*स्मृति ईरानी 18 नवंबर को अमेठी के दौरे पर 8 हजार गरीब परिवारो को बाटेगी रजाई कंबल-राजेश मसाला