लखनऊ में जीका वायरस के दो मरीज मिलने से मचा हड़कंप, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में खलबली
लखनऊ में जीका वायरस के पहले दो मामले सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। दोनों मरीज अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं। कोरोना, डेंगू के बाद अब जीका वायरस ने दस्तक दे दी है।
लखनऊ में जीका वायरस के पहले दो मामले सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। दोनों मरीज अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं। कोरोना, डेंगू के बाद अब जीका वायरस ने दस्तक दे दी है।
हुसैनगंज के फूलबाग निवासी एक पुरुष में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। बुखार के बाद मरीज की जांच कराई गई थी। जबकि दूसरा मामला कृष्णानगर निवासी 24 वर्षीय महिला पर भी जीका वायरस की पुष्टि हुई है।
डिप्टी सीएमओ डॉ. मिलिंद वर्धन ने बताया कि महिला में अभी तक किसी तरह के कोई लक्षण नहीं है। जबकि दूसरा मरीज जांच कराने बाद गैर जनपद जा चुका है। दोनों मरीजों की तबीयत सामान्य है। मरीजों में जीका की पुष्टि के बाद राहत कार्य शुरू करा दिया गया है। मरीज के परिवार के चार सदस्यों के खून के नमूने जांच के लिए एकत्र किए गए हैं। 50 घरों में कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग कराई जा रही है|
हफ्ते भर पहले से भेजे जा रहे थे नमूने
कानपुर में जीका वायरस का प्रकोप होने बाद स्वास्थ्य विभाग ने करीब एक हफ्ते पहले सरकारी व निजी अस्पतालों में बुखार के आने वाले मरीजों की डेंगू, टॉयफाइड, मलेरिया संग जीका की जांच के निर्देश दिए थे।
डिप्टी सीएमओ डॉ. मिलिंद वर्धन ने बताया सभी अस्पताल प्रभारियों को बुखार के आने वाले मरीजों के नमूने लेकर जांच कराई जा रही थी ताकि जीका का पता लगाया जा सके। सभी अस्पताल हर दूसरे दिन नमूना भेज रहे थे। जिसके बाद ही लखनऊ में दो मामले पकड़ में आए हैं। अब सभी अस्पतालों को नियमित तौर जीका की जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।
लोकबंधु में बना जीका वार्ड
जीका वायरस के मरीज सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। सीएमओ के निर्देश पर लोकबंधु अस्पताल में तीन बेड का जीका वार्ड बनाया गया है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया अभी तीन बेड का आईसोलेशन जीका वार्ड बनाया गया है। जरूरत होने पर बेड की तादाद बढ़ाई जाएगी।
क्या है जीका वॉयरस
जीका वायरस भी वही मच्छर की प्रजाति से फैलता है जिससे डेंगू भी फैलता है यानी एडीस मच्छर। जीका वायरस सलाइवा और सीमेन जैसे शरीर के तरल पदार्थ के आदान-प्रदान से संक्रामक हो सकता है। यह मनुष्यों के खून में भी पाया जा सकता है।
लक्षण
जीका वायरस के लक्षण डेंगू के समान हैं। किसी व्यक्ति को संक्रमित मच्छर से काटे जाने के बाद थोड़ा जीका बुखार और चकत्ते दिखाई दिए जा सकते है। कॉंजक्टिवेटाइटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और थकावट कुछ अन्य लक्षण हैं जिन्हें महसूस किया जा सकता है। लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर ने बताया जीका वॉयरस का असर करीब पंद्रह दिन तक रहता है।