अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के लौटने के बाद से वहां के अधिकांश इलाकों में फिर से तालिबान ने कब्जा जमा लिया है. ऐसे में पूरे देश में हालात चिंताजनक हैं. इस बीच भारत में अफगानिस्तान के राजदूत ने कहा है कि भविष्य में अगर तालिबान से वार्ता विफल रहती है तो उनका देश भारतीय सेना से मदद मांग सकता है.
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि मांगी गई सहायता में सैनिकों को भेजना शामिल नहीं होगा बल्कि प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता जैसे क्षेत्रों में हो सकता है. तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के प्रतिनिधि देश पर विद्रोहियों के बढ़ते नियंत्रण के बीच बातचीत कर रहे हैं, जबकि अमेरिका अगस्त के अंत तक अपने लगभग दो दशक के युद्ध को समाप्त करना चाहता है.
वहीं शांति वार्ता को पुनर्जीवित करने का नवीनतम प्रयास ऐसे समय आया है जब अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी कर रहा है. यह घटनाक्रम ऐसे समय आया है जब अमेरिका के निवर्तमान कमांडर जनरल स्कॉट मिलर ने चेतावनी दी है कि हिंसा बढ़ने से अफगानिस्तान के दशकों के युद्ध का शांतिपूर्ण अंत खोजने की संभावना गंभीर रूप से प्रभावित होगी.