रूसी सेना को यूक्रेन में बढ़त, रूस के कब्जे वाले क्रीमिया में 6000 यूक्रेनी बच्चे कैद।
रूसी सेना ने दो स्थानों पर यूक्रेन की सैन्य सुरक्षा दीवार को तोड़ दिया है और यूक्रेनी क्षेत्र में आगे आ गई है। यूक्रेन ने हालात को मुश्किल बताया है जबकि उसके पश्चिमी सहयोगी देशों ने अतिरिक्त सैन्य सहायता का एलान किया है। इस बीच यूक्रेन ने राजधानी कीव के आकाश में मंडरा रहे रूस के छह जासूसी गुब्बारों में से ज्यादातर को मार गिराने का दावा किया है।रूस के कब्जे वाले क्रीमिया में लगभग 6,000 यूक्रेनी बच्चों को कैद होने की खबर सामने आ रही है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक यूएस समर्थित रिपोर्ट के हवाले से इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, इन बच्चों को पालने का उद्देश्य उन्हें पुतिन की सेना के द्वारा राजनीतिक शिक्षा देकर ब्रेनवॉश करना हो सकता है।
शोधकर्ताओं में से एक नथानिएल रेमंड ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से बताया कि हमने जिन शिविर सुविधाओं की पहचान की है, उनका प्राथमिक उद्देश्य राजनीतिक शिक्षा देकर ब्रेनवॉश करने की कोशिश है। बच्चों में माता-पिता या स्पष्ट पारिवारिक संरक्षकता वाले लोग शामिल थे, जिन्हें रूस ने अनाथ माना था। अन्य बच्चे वे थे जो आक्रमण से पहले यूक्रेनी राज्य संस्थानों की देखभाल में थे और जिनकी हिरासत युद्ध के कारण अस्पष्ट या अनिश्चित थी।रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि लुहांस्क प्रांत में यूक्रेनी सेना को पीछे धकेल दिया गया है। ऐसा अन्य मोर्चों पर भी हुआ है। बताया है कि कुछ स्थानों पर यूक्रेनी सेना तीन किलोमीटर पीछे तक चली गई है। मंत्रालय ने इस बाबत विस्तृत जानकारी नहीं दी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेनी सेना ने कई स्थानों पर रूसी सेना के हमलों को विफल कर दिया है लेकिन स्थिति मुश्किल बनी हुई है।
जेलेंस्की ने कहा है कि रूस यूक्रेनी सेना को सहयोगी देशों से बड़े हथियार मिलने से पहले ही ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र पर कब्जा कर लेना चाहता है। उन्होंने लड़ाकू विमानों और लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों की अविलंब आपूर्ति को जरूरी बताया है। गवर्नर ने कहा कि डोनेस्क प्रांत के बाखमुट शहर को घेरकर हमले किए जा रहे हैं। लेकिन शहर के भूमिगत ठिकानों से यूक्रेनी सेना मुकाबला कर रही है। डोनेस्क के क्रैमोटोर्स्क और स्लोवियांस्क शहरों की ओर भी रूसी सेना के बढ़ने की खबर है। इस बीच यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने सहयोगी देशों से यूक्रेन को जल्द टैंकों की मदद भेजने के लिए कहा है। बोरेल का यह बयान जर्मनी के टैंक भेजने के असमंजस और डेनमार्क व नीदरलैंड्स के इन्कार के बीच आया है।