अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है उसके बाद से मुस्लिम पक्ष इस मुद्दे को लेकर बढ़ा हुआ नजर आ रहा है।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ऊपर विचार करने के लिए रविवार को लखनऊ में नदवातुल में बैठक होने थे लेकिन प्रशासन ने अनुमति नदी जिसकी वजह से डालीगंज के मुमताज पीजी कॉलेज में बैठक हुई।
मुस्लिम पर्सनल लाभ में करीब 50 मेंबर है जिसमें 35 एक गरीब सदस्य और कुछ विशेष आमंत्रित मुस्लिम नेता भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर विचार किया गया और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा के सुप्रीम कोर्ट का निर्णय कई बिंदुओं पर स्पष्ट नहीं है जिसके कारण कुछ विरोधाभास नजर आ रहे हैं।उन्होंने कहा है कि मुस्लिम पक्ष नहीं है पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है|
साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है की पुनर्विचार याचिका को लेकर कई लोग फैसले के खिलाफ थे।अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्णय देने के बाद से मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का यह रुख ना सिर्फ मुसलमानों के लिए हितकारी नहीं है|
बल्कि देश के लिए भी खतरनाक हो सकता है।इस मुकदमे पर निर्णय आने के बाद पूरे भारत में शांति और भाईचारा बना रहा पर इस तरह की बातें करके और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को सरेआम गलत कह रहे लोगों का जनता में गलत मैसेज जा सकता है। भारत में इस मुद्दे को लेकर बड़े पैमाने पर खून खराबा हुआ है और जरूरी यही है कि देश के हित को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मारा जाए और उसे अनुसार काम किया जाए।