देश की राजधानी दिल्ली में आज करीब 14 दिनों से भारत के अधिकतर राज्यों ज्यादातर हरियाणा और पंजाब के किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नए 3 कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। कई दौर की बैठकों के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा है।जिसके बाद किसानों ने और जोरों शोरों से अपना आक्रोश प्रकट करना शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि नई कृषि कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने बुधवार को दावा किया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के पीछे पाकिस्तान और चीन का हाथ है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुसलमानों को पहले (CAA) नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के लिए गुमराह किया गया था। परंतु वह अपने प्रयासों में सफल नहीं हुए और अब किसानों को बताया जा रहा है कि नए कृषि कानून से उनको नुकसान होगा।
केंद्रीय मंत्री दानवे जलाना जिले के बदनपुर ताकली में एक स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन के लिए आए थे। जहां उन्होंने यह सारी बातें कहीं। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि " जो आंदोलन चल रहा है वह किसानों का नहीं है, इसके पीछे कहीं ना कहीं चीन और पाकिस्तान का हाथ है। इस देश में पहले किसानों को उकसाया गया। क्या कहा गया था उन्हें? सी ए ए आ रहा है। एनआरसी आ रहा है। और अब मुसलमानों को 6 महीने में या देश छोड़ना पड़ सकता है। पर क्या ऐसा हुआ नहीं इस देश के मुसलमान हमेशा भारत के थे और रहेंगे।
इसीलिए आप किसानों को बताया जा रहा है कि उन्हें नए कानून से नुकसान का सामना करना पड़ेगा। या अन्य देशों की साजिश है।"
हालांकि केंद्रीय मंत्री ने अभी यह दावा साफ नहीं किया कि उन्होंने किस आधार पर अपनी टिप्पणी की। पर उन्होंने पूरा ब्यौरा देते हुए समझाया कि किस तरह से सरकार किसानों को फायदा पहुंचा रही है।
नेहा शाह