भारतीय नौसेना इस महीने की 15 तारीख को मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड पर देश में निर्मित युद्धपोत नीलगिरी, सूरत और वाघशीर को कमीशन करने जा रही है। ये तीन युद्धपोत भारतीय नौसेना की युद्धक तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ये युद्धपोत रक्षा आत्मनिर्भरता और स्वदेशी पोत निर्माण के क्षेत्र में देश की अतुलनीय प्रगति को दर्शायेंगे।
युद्धपोत नीलगिरी खुफिया सुविधाओं और विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी से सुसज्जित है। सूरत युद्धपोत डिजाइन और क्षमताओं में मजबूत वृद्धि को दर्शाता है। आधुनिकी वैमानिकी सुविधाओं से लैस नीलगिरी और सूरत युद्धपोत दिन और रात में किये जाने वाले अभियानों के दौरान कई तरह के हेलिकॉप्टरों को संचालित कर सकते हैं।
वाघशीर विश्व की अत्यधिक शांत और बहुमुखी डीजल-इलैक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक है। इसे सतह रोधी युद्, पनडुब्बी रोधी युद्ध, खुफिया आंकडे एकत्र करने, क्षेत्र की निगरानी और विशेष अभियानों सहित व्यापक मिशनों के लिए तैयार किया गया है। वाघशीर तार-निर्देशित टारपीडो, पोत रोधी मिसाइलों और उन्नत सोनार प्रणालियों से लैस है।
भारतीय नौसेना के अनुसार इन तीनों नौसैनिक युद्धक मंचों का निर्माण और डिजाइन मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में किया गया है। यह देश की बढती आत्मनिर्भरता का एक प्रमाण है। यह युद्धपोतों की डिजाइन और निर्माण में हुई तीव्र प्रगति का भी परिचायक है। यह रक्षा विनिर्माण में एक वैश्विक अधिनायक के रूप में देश की स्थिति को मजबूत बनाता है।