न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत कई मांगों को लेकर 13 फरवरी से आंदोलन कर रहे किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. अब किसान कल यानी 21 फरवरी को एक बार फिर से दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं. सरकार ने किसानों के सामने दाल, मक्का और कपास की खरीद पर अगले पांच साल के लिए एमएसपी देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे किसानों ने स्वीकार नहीं किया.
सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के कुछ घंटों बाद, किसान नेता सरवन सिंह पंढ़ेर ने केंद्र को चेतावनी दी कि अब जो भी होगा उसके लिए वह जिम्मेदार होगी. इससे पहले सोमवार को शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ किसान नेता सरवन सिंह ने मीटिंग की. जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के एमएसपी को लेकर रखे गए प्रस्ताव को किसान स्वीकार नहीं करेंगे.
किसानों और सरकार के बीच तीन दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद केंद्र ने रविवार शाम को एक बार फिर से चंडीगढ़ में चौथी बार किसान नेताओं के साथ बैठक की. देर रात तक चली इस मीटिंग में तीन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय ने सरकार की ओर से किसानों के सामने प्रस्ताव रखा. जिसे अब किसानों ने खारिज कर दिया. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर में मंगलवार सुबह कहा कि सरकार ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि वह उन्हें दिल्ली में घुसने नहीं देगी.
किसान नेता सरवर सिंह पंढ़ेर ने कहा कि, सरकार की मंशा बिल्कुल साफ थी कि वे हमें किसी भी कीमत पर दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दें. उन्होंने कहा कि अगर आप किसानों के साथ बातचीत से समाधान नहीं निकालना चाहते हैं तो हमें दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हरियाणा की स्थिति कश्मीर जैसी है. पंढ़ेर ने आगे कहा कि जब हम दिल्ली की ओर बढ़े तो आंसू गैस को गोले छोड़े गए. ट्रैक्टरों के टायरों पर गोलियां चलाई गईं.
उन्होंने कहा कि डीजीपी हरियाणा ने कहा है कि वे किसानों पर आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. इसका इस्तेमाल करने वालों के लिए हम सजा की मांग करते हैं. पंढ़ेर ने कहा कि किसान 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने उन्हें एक प्रस्ताव दिया है जिससे हम अपनी मूल मांगों से पीछे हट जाएं. उन्होंने कहा कि अब जो भी होगा उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.