विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर शांति और स्थिरता कायम रखने के लिए बीजिंग से समझौता किया गया था जिसका उसने उल्लंघन कर दिया। जिसकी वजह से भारत और चीन के रिश्तो में काफी परेशानियां विकसित हो गई है। ऑस्ट्रेलियन थिंक टैंक से वार्ता के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि समझौते का उल्लंघन करते हुए लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर हजारों सैनिकों को लाने पर चीनी पक्ष ने 5 तरह की सफाई पेश की।
8 महीने से लगातार चीन और भारत के बीच में तनाव जारी है। विदेश मंत्री ने यह साफ किया कि दोनों देशों के बीच अलग-अलग स्तर पर चीन और भारत के मुद्दों पर बात की गई थी। अलग-अलग स्तर की बातचीत के बावजूद इस मुद्दे को नहीं सुलझाया जा सका।
एस जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ हमारे संबंधों में हम सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। निश्चित तौर पर पिछले 30 - 40 सालों से या फिर उससे भी अधिक। इसके साथ ही उन्होंने गलवान घाटी में 20 सैनिकों की शहादत का वर्णन करते हुए कहा कि एलएसी पर 1975 के बाद पहली बार सैनिकों की जान गई।
एस जयशंकर ने कहा कि रिश्ते काफी खराब हो चुके हैं। पिछले 30 सालों में द्विपक्षीय संबंधों में सभी सकारात्मक बदलाव आए। और भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पाटनर बनना और पर्यटन भी शामिल है। हम इस बात से निर्भर थे। कि दोनों पक्ष सीमा विवादों को सुलझाते हुए बॉर्डर पर शांति बनाए रखने से सहमत है। अपनी वार्ता में एस जयशंकर ने लगातार चीन और भारत के संबंधों को लेकर बात की। और बताया कि किस तरह से चीन ने हमेशा भारत की पीठ पर छुरा भोंका है परंतु उन्होंने कहा कि अब भारत उनके हर चीज का जवाब देने के लिए ठोस रूप से तैयार हैं।
नेहा शाह