बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष सघन पुनरीक्षण यानी SIR पर सुप्रीम कोर्ट में आज लगातार लगातार तीसरे दिन सुनवाई होगी। बुधवार को SIR के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा 11 दस्तावेज मान्य हैं, जिसमें से कोई एक दस्तावेज मांगना गलत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि SIR वोटरों के खिलाफ नहीं है। जस्टिस बागची ने याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि आधार को लेकर हम आपकी दलील समझ रहे हैं, लेकिन आप नागरिकता सुनिश्चित करने के लिए मान्य दस्तावेजों की लिस्ट देखें तो यह वोटर के लिए सुविधाजनक दिखता है।
अदालत ने कहा कि पहले रिवीजन में 7 दस्तावेज ही थे, लेकिन अब 11 डॉक्यूमेंट्स का विकल्प है। यह प्रक्रिया मतदाता हितैषी लगती है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अगर आयोग सभी 11 दस्तावेज़ मांग रहा होता तो हम SIR को वोटर के खिलाफ मान सकते थे लेकिन अगर किसी एक दस्तावेज़ को भी स्वीकार किया जा रहा है तो क्या ऐसा कह सकते हैं?