22 जनवरी को होने वाला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम एक पॉलिटिकल इवेंट, कांग्रेस नहीं होगी शामिल : राहुल गांधी

Update: 2024-01-16 14:35 GMT

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम एक चुनावी और राजनीतिक समारोह है, इसीलिए कांग्रेस ने इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।

भारत जोड़ो न्याय यात्रा (बीजेएनवाई) अब नागालैंड पहुंच गई है। इसमें हिस्सा ले रहे कांग्रेस नेता ने कहा कि अयोध्या में कार्यक्रम राजनीतिक है। यह आरएसएस-भाजपा का कार्यक्रम है।

उन्होंने कहा, हमारे (कांग्रेस) लिए 22 जनवरी के समारोह में शामिल होना मुश्किल है। यह मोदी का कार्यक्रम है। वे (भाजपा) धार्मिक कार्यक्रमों को हमेशा चुनावी बना देते हैं। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और हमारे लिए सभी धर्म एक समान हैं।

उन्होंने कहा कि शीर्ष हिंदू धार्मिक नेता भी 22 जनवरी के समारोह पर सवाल उठा रहे हैं। इसे राजनीति और आगामी लोकसभा चुनाव के साथ जोड़ दिया गया है।

इंडिया ब्लॉक की विचारधारा के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, हम विभाजित भारत नहीं चाहते। हम बिना नफरत वाला अखंड भारत चाहते हैं। दलित एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की भी उपेक्षा नहीं की जाएगी। शासन में उनकी भूमिका को उचित महत्व मिलेगा।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, कांग्रेस नेता ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के साझेदारों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत अच्छी तरीके से चल रही है।

इंडिया ब्लॉक की स्थिति बहुत अच्छी है। मेरा मानना है कि सब कुछ आसानी से सुलझ जाएगा। कुछ मुद्दे हैं लेकिन ज्यादातर जगहों पर समस्या नहीं हैं। मीडिया कुछ मुद्दों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। इंडिया गुट के साझेदारों के बीच परस्पर सम्मान है।

राहुल गांधी ने कहा कि गठबंधन तैयार हो रहा है और यह 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए अच्छी तरह से काम करेगा।

लंबे समय से लंबित नागा राजनीतिक मुद्दे के बारे में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ साल पहले कुछ प्रतिबद्धताएं दी थीं लेकिन वे अभी तक पूरी नहीं हुई हैं।

एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि अगर आगामी चुनावों में इंडिया ब्लॉक सत्ता में आता है, तो वह ठोस बातचीत और आपसी समझ के जरिए नागा राजनीतिक मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करेगा।

उन्होंने कहा, हम नागा राजनीतिक मुद्दे का उपयुक्त समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

रविवार को हिंसाग्रस्त मणिपुर से शुरू हुई 66 दिवसीय भारत जोड़ो न्याय यात्रा 20 या 21 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी।

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