सुप्रीम कोर्ट ने गठित की टास्क फोर्स, डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए करेगी सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या किए जाने के मामले में को सुनवाई हो रही है।इसमें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की तीन सदस्यीय न्यायिक पीठ ने घटना पर खेद जताते देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा पर चिंताई।इस दौरान कोर्ट ने डॉक्टरों के लिए सुरक्षा सुरक्षा की सिफारिशों के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित करने का आदेश दिया।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, यह अपराध अस्पताल में रेप और हत्या से संबंधित मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे भारत में डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रणालीगत मुद्दे से संबंधित है। इससे महिला डॉक्टर काम पर जाने से डर रही है।उन्होंने कहा, हम एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि वे वरिष्ठ और कनिष्ठ डॉक्टरों के लिए सुरक्षा उपायों के लिए देश भर में अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों की सिफारिशें दें।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई टीम से 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा है। कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट में शुरुआत से लेकर अब तक हुई कार्रवाई की पूरी जानकारी होनी चाहिए।इसी तरह कोर्ट ने कहा, हम इस तथ्य से बहुत चिंतित हैं कि पीडि़ता का नाम पूरे मीडिया में है। उसकी तस्वीरें और वीडियो पूरे मीडिया में वायरल हो रही है और यह बेहद चिंताजनक विषय है। यह कानून का उललंघन है।
कोर्ट ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि अपराध का पता सुबह के समय चला। इसके बाद प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या दिखाने की कोशिश की और माता-पिता को शव तक देखने की अनुमति नहीं दी।कोर्ट ने पूछा, प्रधानाचार्य क्या कर रहे थे? एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई, शव माता-पिता को देर से सौंपा गया, कोलकाता पुलिस क्या कर रही है? यह एक गंभीर अपराध हुआ है। अपराध अस्पताल में हुआ है और वहां जीर्णोद्धार शुरू कर दिया गया।
इस मामले में गत शनिवार को फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स ऑफ इंडिया और दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर हालातों को देखते हुए स्वत: संज्ञान लेने की अपील की थी।याचिका में कहा गया था कि यह देश की विभत्स घटनाओं में से एक है और इसको लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।इस पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर 20 अगस्त की सुनवाई तय की थी।
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था।पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की हत्या से पहले रेप की पुष्टि हुई थी। उसकी आंख, मुंह, पैर, गर्दन, हाथ, कमर और निजी अंगों पर काफी चोटें थीं।मामले में पुलिस ने अस्पताल में आने-जाने वाले एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया है और उससे गहन पूछताछ जारी है।फिलहाल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम मामले की जांच कर रही है।
इस विभत्स घटना का देशभर में विरोध हो रहा है। देशभर के डॉक्टरों ने भी हड़ताल कर पीडि़ता को न्याय दिलाने और उसके परिजनों को मुआवजा दिलाने सहित डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी डॉक्टरों की मांग मानते हुए मांगो के लिए समिति गठित करने का वादा किया है।इसी तरह विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हुए बैठे हैं और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।