यूपी के वाराणसी में 2 अक्टूबर को होने वाली प्रियंका गांधी की रैली से पहले कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे हैं। यूपी के कांग्रेस उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी के कांग्रेस छोड़ने के बाद मिर्जापुर जिला कांग्रेस इकाई के उपाध्यक्ष समेत कई लोगों ने इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा कि आने वाले यूपी चुनाव में मिर्जापुर सहित आसपास के जिलों में इसका असर पड़ेगा।
जिला उपाध्यक्ष सहित कई लोगों ने छोड़ी पार्टी
वाराणसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ललितेशपति त्रिपाठी ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उसके बाद मिर्जापुर जिला इकाई के उपाध्यक्ष अशोक उपाध्याय ने शुक्रवार को कांग्रेस की बैठक में ललितेश के समर्थन पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। उनका दावा है कि हमारे साथ संगठन से जुड़े 2 दर्जन से ज्यादा लोग पार्टी छोड़ रहे हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने लगाए कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप
अशोक उपाध्यक्ष ने प्रदेश अध्यक्ष के साथ शीर्ष नेतृत्व पर भी तवज्जो न दिए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को वाराणसी में होने वाली प्रियंका गांधी की रैली में किसी भी कार्यकर्ता से राय मशविरा नहीं लिया जा रहा है और उनको दरकिनार किया जा रहा था। साथ ही जो त्रिपाठी परिवार चार पीढ़ियों से कांग्रेस के साथ है उसको भी सम्मान नहीं दिया जा रहा था। जिसे दुखी होकर हम पार्टी छोड़ रहे हैं।
'कांग्रेस एक विचारधारा, किसी के आने जाने से नहीं पड़ता है फर्क'
मिर्जापुर जिला कांग्रेस इकाई के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता मिन्हाज खान उर्फ छोटे खान ने कहा कि कांग्रेस एक विचारधारा है। जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे लोगों ने पार्टी छोड़ दी तो कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ा तो ललितेश के पार्टी छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। हालांकि, यह भी कहा कि त्रिपाठी परिवार के गांधी परिवार से अच्छे सम्बंध थे। उनके परिवार का सम्मान था। शीर्ष नेतृत्व की तरफ से उनको मनाने और का प्रयास किया जा रहा है।