काशी में अस्थि प्रवाहित कर मां की इच्छा पूरी करने के लिए तेलंगाना से आई सारिका किन्नर
काशी में मोक्ष प्राप्त करने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं बाबा की नगरी में मोक्ष की प्राप्ति करते हैं कहां जाता है कि बाबा विश्वनाथ अर्धनारीश्वर के रूप में भी जाने जाते हैं उनके सबसे बड़े भक्तों में किन्नर के रूप में जाने जाते हैं तेलगाना की रहने वाली सारिका किन्नर ने बताया कि मेरी मां की इच्छा थी जब मेरी मृत्यु हो तो मेरा अस्थि कलश काशी के गंगा में प्रवाहित हो |
सारिका किन्नर की मां बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए हर साल काशी आती थी उनका काशी से बहुत ही लगाव हो गया था और बाबा भोलेनाथ के भक्तों में से एक थी सारिका किन्नर ने अपनी मां की इच्छा के
अनुसार काशी में आकर कलश प्रवाहित की और विधिवत पूजन पाठन करा करा कर अपनी मां की आत्मा की शांति के प्रति प्रार्थना कर पिंडदान किया।