शुरू हो गया हरिद्वार कुंभ वर्ष

Update: 2021-01-01 16:46 GMT

आशा-निराशा और कोरोना संकट के बीच नए साल के जश्न के साथ श्रद्धा और विश्वास से भरे हरिद्वार महाकुंभ वर्ष का शुक्रवार का आगाज हो गया। देश-विदेश से आस्था की डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु धर्मनगरी हरिद्वार आएंगे। हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। राज्य सरकार ने स्थायी और अस्थायी कार्यों को जल्द पूरा करने की बात की है। तमाम कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। कुछ बड़े निर्माण कार्य बाकी हैं, जिन्हें 31 जनवरी से पहले पहले पूरा होना है। हरकी पैड़ी पर होने वाली गंगा आरती को प्रसारित करने के लिए शहर में एलईडी लग रही हैं। इसका मकसद है हरकी पैड़ी तक न पहुंच पाने वाले श्रद्धालु अपने आसपास में लगे एलईडी के माध्यम से आरती देख सकें। एलईडी पर कुंभ मेला क्षेत्र की गतिविधियों को भी प्रसारित किया जाएगा।

मेला क्षेत्र में होने वाली प्रतियोगिताओं को भी एलईडी पर देखा जा सकेगा। आमतौर पर हर 12 साल में हरिद्वार में आयोजित होने वाला महाकुंभ इस बार मात्र 11 साल बाद ही आयोजित हो रहा है। अब तक महाकुंभ मेला करीब चार महीने का होता है। इस बार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते यह मात्र 2 महीने में ही सिमट गया है। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के मुताबिक सरकार 15 फरवरी को महाकुंभ मेले की नोटिफिकेशन जारी करेगी। इसी के साथ आधिकारिक तौर पर महाकुंभ मेला शुरू हो जाएगा। महाकुंभ को दिव्य और भव्य रूप में उत्तराखंड सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। सरकार का पूरा फोकस स्वच्छता पर है। हरिद्वार के घाटों से लेकर मेला क्षेत्र को केसरिया रंग में रंगा जा रहा है।

साल 2021 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों और व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने के लिए तमाम विभाग अपने अपने स्तर से कवायद में जुटे हुए हैं। महाकुंभ के मुख्य स्नान से एक दिन पहले से ही 500 बसें रिजर्व रखी जाएंगी। ताकि मुख्य स्नान के बाद लोगों को गंतव्य तक जाने में दिक्कत न हो। इस महाकुंभ में छह मुख्य स्नान हैं। सभी छह मुख्य स्नानों से एक-एक दिन पहले करीब 500 बसों को रिजर्व रखा जाएगा। साल 2021 में होने वाले महाकुंभ की व्यवस्थाओं के कार्य विस्तारपूर्वक करने पर कोरोना ने ब्रेक लगाया है। कोरोना की दस्तक से पहले महाकुंभ की तैयारियों के लिए करीब 4,000 करोड़ रुपये खर्च करने का रोड मैप तैयार किया गया था। अब इसे 800 करोड़ रुपये में समेटा गया है।

उत्तराखंड सरकार ने सभी निर्माण कार्यों को 31 जनवरी, 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं। विभागीय सचिव पल-पल नजर रख रहे हैं। महाकुंभ मेले के तहत विभिन्न विभागों के स्तर पर 473 करोड़ रुपये की लागत के 124 निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते इस बार परंपरागत मेला स्थान को ही आधार मेला क्षेत्र बनाया गया महाकुंभ मेला में जनसुविधाओं के लिए सूखी नदी पर 44 मीटर लंबा पुल 258 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। यह पुल मेला भीड़ को नियंत्रण में रखने में कारगर साबित होगा।

हरिद्वार क्षेत्र में 9 नए घाट और 8 पुल और सड़कों का निर्माण कर रही है। हर की पैड़ी में तीन अस्थाई घाट बनकर तैयार हो गए हैं। इसके अतिरिक्त छह अन्य घाटों का निर्माण हो रहा है। मेला क्षेत्र में पेयजल और पार्किंग का खास इंतजाम हो रहा है। कुंभ मेला क्षेत्र को सुरक्षा के दृष्टिगत 6 जोन, 24 सेक्टर, 21 थानों, 9 पुलिस लाइन, 23 पुलिस चैकी, 25 चेक पोस्ट में विभाजित किया गया है। आवश्यकतानुसार राज्य व केन्द्रीय पुलिस बलों की तैनाती की व्यवस्था की गई है। मेला क्षेत्र सीसीटीवी से लैस होगा। महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए उत्तराखंड शासन ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा जोर दिया है। 1,000 बेड का कोविड केयर सेंटर में 493 चिकित्सक होंगे। बाइक एम्बुलेंस और बोट एम्बुलेंस भी तैनात होंगी।

हरिद्वार में अगले साल 2021 में होने जा रहे कुंभ में चार शाही स्नान होने हैं। पहला शाही स्नान गुरुवार 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि के दिन होगा। दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर आयोजित होगा। वहीं, तीसरा शाही स्नान 13 अप्रैल मेष संक्रांति पर आयोजित होगा और आखिरी शाही स्नान वैशाखी 27 अप्रैल चैत्र माह की पूर्णिमा को होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत शुक्ल/मुकुंद


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