मुस्लिम पुरुष की हिंदू महिला के साथ दूसरी शादी मान्य नहीं

Update: 2021-09-15 07:27 GMT

गोहाटी हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। दरहसल, कोर्ट ने फैसले में कहा है कि विशेष विवाह अधिनियम, 1954 एक मुस्लिम पुरुष को हिंदू महिला के साथ दूसरी शादी की अनुमति नहीं देता है।

ऐसे में इस तरह की शादी मान्य नहीं होगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में शहाबुद्दीन अहमद ने दीपमणि कलिता के साथ दूसरी शादी की थी। जुलाई 2017 में पति की मौत के बाद पेंशन और अन्य लाभ के लिए महिला के दावे को अधिकारियों ने खारिज कर दिया था। इसके बाद 2019 में उन्होंने अनुच्छेद 226 के तहत हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

बता दे कि, दीपमणि एक 12 वर्षीय बच्चे की मां हैं। हादसे में मौत के समय शहाबुद्दीन अहमद कामरूप (ग्रामीण) जिले के उपायुक्त के कार्यालय में लाट मंडल के पद पर काम कर रहे थे। जस्टिस कल्याण राय सुराना ने अपने फैसले में कहा कि इस पर कोई विवाद नहीं है कि शहाबुद्दीन अहमद ने जिस समय दीपमणि के साथ दूसरी शादी की थी, उस समय उनकी पहली पत्नी जीवित थी। इसका कोई दस्तावेज नहीं है कि पहली पत्नी के साथ उनका संबंध विच्छेद हो चुका था।

हाईकोर्ट ने कहा कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत किसी मुस्लिम शख्स द्वारा एक हिंदू महिला के साथ अनुबंधित दूसरी शादी का बचाव नहीं करती, अत: ऐसा विवाह अमान्य है।

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