आरती बचपन एक्सप्रेस ......
सोशल मीडिया पर न्यायिक कार्यों के लिए की गई आलोचना को गंभीरता से लेते हुए देश के अगले मुख्य न्यायधीश शरद अरविंद वह बड का कहना है कि जब इस वजह से न्यायाधीशों को परेशान देखते हैं तो उन्हें काफी दुख होता है उन्होंने यह भी कहा कि अनियंत्रित आलोचना ना केवल निंदनीय है बल्कि न्यायाधीशों के प्रतिष्ठा को भी प्रभावित करती है |
यह एक मानहानि अपराध है न्यायाधीशों की आलोचना उन्हें परेशान करती है और एक हद तक इन आलोचनाओं से मुझे भी बहुत परेशानी होती है इससे अदालती कामकाज प्रभावित होते हैं इस प्रकार की आलोचना कोई पसंद नहीं करता हर कोई मोटी चमड़ी वाला नहीं है जो इसकी अनदेखी कर सके |
न्यायधीश भी इंसान ही होते हैं उन्होंने कहा कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट सोशल मीडिया के इन आलोचनाओं को काबू करने के लिए कुछ नहीं कर सकता उन्होंने यह कहा कि हम नहीं जानते कि इस मामले में हमें क्या कदम उठाना है वह न केवल लांछन लगाते हैं बल्कि इससे लोगों के प्रतिष्ठानों को भी प्रभावित करते हैं उसके ऊपर यह शिकायत भी रहती है कि वह बोलने की स्वतंत्रता नहीं है कहा कि फैसले की नहीं न्यायधीश की आलोचना करना मानहानि है ।