बेमौसम बारिश बनी किसानो पर कहर

Update: 2021-10-19 14:22 GMT

राजधानी लखनऊ व आस पास इलाके में अचानक बदले मौसम के मिजाज के चलते सोमवार व मंगलवार को हुई बेमौसम बारिश व तेज हवाओ के साथ जमकर अतिवृष्टि की बारिश होने से सरोजनीनगर क्षेत्र के भी हजारों किसानों के खेतों में खड़ी व खेतों मे कटी हुई पड़ी धान की फसलें बर्बाद हो गई । जिसके चलते यह पानी और हवाएं किसानों के ऊपर एक क्रूरतम कहर साबित हुई है । इससे किसानो की धान की अधिकांश फसले नष्ट हो गई है। धान की खड़ी फसलें तेज हवाओ के चलते खेत में गिर कर लेट गई हैं। इससे किसान अपनी गाढ़ी कमाई को बर्बाद होता देख काफी परेशान व चिंतित हैं। पिपरसंड निवासी कृषक व किसान नेता शिव कुमार सिंह चौहान का कहना है कि रात में बारिश के साथ तेज हवा में लगभग एक घंटे तक हुई तेज बारिश के चलते खेत में तैयार धान की खड़ी फसल खेत में गिर गई वह जो फसलें काटकर खेत में पड़ी थी वह सभी खेतों में पानी भर जाने के कारण काफी हद तक खराब हो चुकी है , जिससे किसानों की परेशानी काफी बढ़ गई है।

खड़ी फसल के खेत मे गिरने से काफी नुकसान हुआ है वही चौपाई निवासी किसान प्रवीण शुक्ल का कहना है कि बेमौसम अतिवृष्टि बारिश से खेतों में तैयार धान की फसल समेत कई फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा खेतों में कटी पड़ी फसलों में है, जोकि पूरी तरह से खराब हो जाएगी। यही नहीं देर से तैयार होने वाली धान कि फसल भी खेतो में गिर गई है । ऐसी स्थिति में धान की इस फसल में सिर्फ फरहा ही निकलेगा । धान की फसल का उत्पादन न के बराबर होने की उम्मीद है । किसानों ने शासन प्रशासन के उच्च अधिकारियो से मांग की है कि किसानो के खेतो का स्थलीय निरीक्षण करके व नुकसान का सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि किसान पहले से मौसम की मार झेलता चला आ रहा है। इसलिए सरकार को अचानक हुई इस 22 वा अतिवृष्टि से नुकसान की भरपाई हेतु उन्हें उचित मुआवजा की वयवस्था सुनिश्चित कराये । किसानों की मानें तो करीब 60 प्रतिशत धान की फसल को नुकसान है।इसके साथ साथ आलू की बुवाई भी चल रही है जो भी बहुत प्रभावित हुई है ,साथ ही उड़द व तिल की फसल भी इस बेमौसम बारिश से काफी प्रभावित हुई है ।

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