अभियोजन विभाग की प्रभावी पैरवी से महिला अपराधों में लिप्त अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने में मिली सफलता

Update: 2022-03-08 12:53 GMT

लखनऊः  08 मार्च, 2022

उत्तर प्रदेश सरकार के अभियोजन विभाग द्वारा प्रभावी पैरवी कर महिलाओं के विरूद्व हुये अपराधों में प्रभावी पैरवी कर इन अपराधों में संलिप्त अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाने के प्रयासों के सार्थक परिणाम प्राप्त हुये है।

महिलाओ के विरूद्व अपराध में अपराधियों को सजा दिलाने की अपराध दर वर्ष 2019 में पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर पूरे देश में जहां सर्वाधिक उ0प्र0 में 55.2 प्रतिशत रही। जबकि यह दर उत्तराखण्ड में 50.6 प्रतिशत, राजस्थान में 45.5 प्रतिशत, झारखण्ड में 44.7 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 32.3 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 26.5 प्रतिशत एवं पंजाब में 23.1 प्रतिशत रही।

यह क्रम लगातार जारी रहा है, जिसके फलस्वरूप वर्ष 2020 में महिलाओ के विरूद्व अपराध में अपराधियों को सजा दिलाने की दर पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर पूरे देश में जहां उ0प्र0 में सर्वाधिक 61.0 प्रतिशत रही। जबकि यह दर उत्तराखण्ड में 41.8 प्रतिशत, राजस्थान में 47.5 प्रतिशत झारखण्ड में 51.0 प्रतिशत, बिहार में 43.9 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 37.5 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश में 33.2 प्रतिशत रही।

 

यह भी उल्लेखनीय है कि ICJS (Interoperable Criminal Justice System) के तहत प्रदेश का अभियोजन विभाग देश में शीर्ष स्थान पर है। गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देश के समस्त राज्यों की प्रतिस्पर्धा में प्रदेश के अभियोजन विभाग को प्रथम पुरस्कार का सम्मान प्राप्त हुआ है।

ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर लगभग 70 लाख से अधिक प्रविष्टियांें के दर्ज होने के साथ पूरे देश में उत्तर प्रदेश शीर्ष स्थान पर है। दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश द्वारा 18 लाख प्रविष्टियां एवं तीसरे स्थान पर गुजरात द्वारा 04 लाख प्रविष्टियां दर्ज की गयी है।

महिला अपराधों में अपराधियों को सजा दिलाने की दर उ0प्र0 में वर्ष 2019 में 55.2 प्रतिशत तथा वर्ष 2020 में 61.0 प्रतिशत रही

आई0सी0जे0एस0 के तहत प्रतिस्पर्धा में देश के भीतर प्रदेश के अभियोजन विभाग को मिला देश का पहला पुरूस्कार

ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर लगभग 70 लाख से अधिक प्रविष्टियां दर्ज होने के कारण उत्तर प्रदेश रहा देश में शीर्ष स्थान पर

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