मुंगेर न्याय मंडल के विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) प्रदीप कुमार चौधरी की अदालत ने बुधवार को नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के गम्भीर मामले में चारों दोषियों को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया, जिसे पीड़िता के पुनर्वास हेतु दिया जाएगा।
घटना फरवरी 2023 की है। पीड़िता के पिता ने थाने में मामला दर्ज कराया था, जिसमें सत्यजीत सिंह, नंदकिशोर सिंह, करण चौधरी और रंजीत कुमार को आरोपित किया गया था। बताया गया कि मैट्रिक परीक्षा देकर घर लौटी छात्रा शाम को बाजार गई थी, तभी दो बाइक पर आए चार युवकों ने उसे अगवा कर बहियार स्थित एक घर में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया।
अगली सुबह आरोपित उसे छोड़कर फरार हो गए। छात्रा के घर नहीं लौटने पर स्वजनों ने खोजबीन शुरू की और उसे बहियार में बदहवास हालत में पाया। काफी हिम्मत देने पर छात्रा ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी परिवार को दी, जिसके बाद उसके पिता ने चारों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने 22 नवंबर को सभी को दोषी करार दिया था। सजा निर्धारण पर सुनवाई पूर्ण होने के बाद बुधवार को न्यायालय ने फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) प्रीतम कुमार वैश्य ने बहस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।