ई-चालान बना जनता की परेशानी व पुलिस की सहूलियत......
Now the traffic police is making e-challans for traffic violations which is creating problems to the public.
राजधानी में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद ई-चालान के कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें लोगों को बड़ी पेनल्टी देनी पड़ी है। ई-चालान से पुलिसकर्मियों को सहुलियत तो मिली है तो वहीं आम जनता की परेशानी का सबब ई-चालान बना हुआ है। पुलिस तो बिना गाड़ी रोके ही मोबाइल के माध्यम से ई-चालान कर देती हैं। मगर कभी-कभी पुलिस दो पहिया वाहन की जगह चार पहिया वाहन का चालान कर देती है। जिससे जनता को बड़ी परेशनियों का सामना करना पड़ता है।
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार करने के लिए इस व्यवस्था को चालू किया गया है और इसमें घर बैठे पेमेंट की भी सहूलियत दी गयी है । आप स्वयं इ चालान देख सकते हैं, अभियान भी चला कर लोगों को इसके बारे में बताया जा रहा है की कैसे ये लोगो के लिये एक बेहतरीन कदम है।
घर बैठे उसका पेमेंट कर सकते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि छह-सात साल से जितने भी वाहन खरीदे जा रहे हैं, उसके कागजात में मोबाइल नंबर एआरटीओ कार्यालय द्वारा दर्ज किया जा रहा है, इसके पहले की अधिकांश गाड़ियों के कागजात में मोबाइल नंबर नहीं लगे हैं, अगर पुरानी गाड़ी से लोग यातायात नियम तोड़ते हैं तो उनको इस बारे में पता नहीं लग पाता की उनकी गाड़ी का चालान हो गया है।
जब यातायात पुलिस कागजात को दो से तीन महीने में तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत करती है तो न्यायालय से नोटिस जाता है, इसके बाद ही उन्हें मालूम चल पाता है कि उनकी गाड़ी चालान हो गई है और चालान जमा करना होगा। लेकिन ई- चालान से लोगों को इस तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है।
शिवांग