मोतिहारी साइबर थाना की पुलिस ने एक बड़े साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मुख्य आरोपी परवेज़ अंसारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी अपने घर में ही एक डिजिटल स्टूडियो बनाकर 10 लाख से अधिक फर्जी Gmail अकाउंट के ज़रिए लोगों के पैसे का लेन-देन करता था।
इस पूरे मामले का खुलासा उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति द्वारा की गई शिकायत के बाद हुआ, जिसके आधार पर साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू की।
बरामद हुए हाई-टेक उपकरण और दस्तावेज़: पुलिस ने छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में तकनीकी और धोखाधड़ी से जुड़े उपकरण बरामद किए, जिनमें शामिल हैं:
32 एटीएम कार्ड ,7 सीपीयू व 7 मॉनिटर ,28 मोबाइल फोन पासबुक, चेकबुक, बायोमेट्रिक मशीन, प्रिंटर यूक्रेन, नेपाल और मैक्सिको से संबंधित दस्तावेज़
कैसे करता था ठगी:परवेज़ अंसारी फर्जी Gmail अकाउंट्स के जरिए पीड़ितों के पैसे को डिजिटल करेंसी व गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से निवेश करता था। साथ ही, WhatsApp और फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर बिजली बिल अपडेट, लोन दिलाने जैसे बहाने से लोगों को झांसा देता था।
वह "डिजिटल अरेस्ट" स्टूडियो के नाम पर लोगों को धमकाता और उनसे ठगी करता था।
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की भी जांच: पुलिस को आरोपी के पास से यूक्रेन, नेपाल और मैक्सिको के नागरिकों से जुड़े दस्तावेज़ भी मिले हैं, जिससे इस गिरोह के अंतरराष्ट्रीय लिंक होने की आशंका जताई जा रही है।
DSP अभिनव पाराशर ने दी जानकारी: मोतिहारी साइबर थाना के डीएसपी अभिनव पाराशर ने बताया कि यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक है। उन्होंने कहा कि 10 लाख से अधिक Gmail अकाउंट की जांच की जा रही है और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है।