वैदिक विज्ञान केन्द्र, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय नेहा सिंह द्वारा बनाये गये 'दशोपनिषद्' का पहला डिजिटल प्रिंटेड एल्बम "इंडियन बुक ऑफ़ रिकाड्र्स" में दर्ज

Update: 2020-12-14 14:15 GMT



वैदिक विज्ञान केन्द्र, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एक वर्षीय पाठ्यक्रम सर्टीफिकेट कोर्स की छत्रा नेहा सिंह द्वारा 'दशोपनिषद्' का पहला डिजिटल प्रिंटेड एल्बम "इंडियन बुक ऑफ़ रिकाड्र्स" में दर्ज किया गया।

इसी वर्ष 19 फरवरी 2020 को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केन्द्र द्वारा विमोचन किया गया। 'दशोपनिषद्' का पहला डिजिटल प्रिंटेड एल्बम "इंडियन बुक ऑफ़ रिकाड्र्स" में दर्ज होने पर सुश्री नेहा सिंह को वैदिक विज्ञान केन्द्र के समन्वयक प्रो0 उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी, डॉ0 सुनील मिश्र एवं श्री पवन कुमार मिश्र ने सम्मानित किया। इस अनोखे कार्य एवं कीर्ति के लिये वैदिक विज्ञान केन्द्र के सभी लोग नेहा सिंह का मुक्त कंठ प्रशंसा किये।

सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ट अधिवक्ता डॉ0 जी0 वी0 एन0 आर0 एस0 एस0 एस0 वर प्रसाद जी ने ही नेहा सिंह द्वारा हाथों से बने चित्रकलाओं से युक्त 'दशोपनिषद्' के इस एल्बम को "इंडियन बुक ऑफ़ रिकॉर्ड" में दर्ज कराने का संस्तुति किया था।

19 फरवरी 2020 में विमोचन के बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कई विद्वानों ने इस एल्बम को सराहा एवं कहा की यह दुनिया का पहला एल्बम होगा और ये विश्व रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए। एल्बम में चित्रों के साथ हर एक उपनिषद् का संक्षिप्त विवरण भी हिन्दी एवं अंग्रेजी में दिया हुआ था।

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से ललित कला में स्नातकोत्तर करने के बाद वैदिक साहित्य में रूचि होने के कारण काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केन्द्र में प्रवेश लेने के साथ-साथ वेदोपनिषद् एवं भगवद्गीता पर निरंतर अपने गुरु लोगों से ज्ञान अर्जित करती रहीं एवं अपने कला के द्वारा उस ज्ञान को समाज में लाने का प्रयास करती रहीं। जिसके फलस्वरूप मुख्य दस उपनिषदों को लगभग छः महीने कई बार पढ़ने के बाद व्रत-उपवास के साथ एक-एक उपनिषद् पर चित्र बनाना प्रारंभ किया, जिसको पूर्ण करने में 4 महीने लगे थे।

दस उपनिषदों के इस एल्बम को तैयार करने में आर्थिक सहयोग शहर के जाने माने व्यक्तित्व भगवद गीता के पुजारी परिवार ब्रेड एवं नमकीन के मालिक श्री गोविंद किशनानी द्वारा किया गया था ।

20 पन्नों का एवं 12×18 इंच का इस डिजिटल एल्बम में मुख्य दस उपनिषदों का एक एक पेंटिंग है साथ में उस उपनिषद के बारे में संक्षिप्त लेख भी है। इसी एल्बम के आखिरी पेज में वेदों में वर्णित महावाक्यों का भी एक पेंटिंग है ।

महावाक्य जैसे "प्रज्ञानं ब्रह्म"- जो ऋग्वेद से संबंधित है ऐतरेय उपनिषद के अंतर्गत आता है, "अहं ब्रह्मास्मि" - जो यजुर्वेद से संबंधित है बृहदारणयोपनिषद में आता है, "तत्वमसि" - जो सामवेद से सम्बंधित है जो छान्दोग्योपनिषद में आता है और "अयं आत्मा ब्रह्म" - जो अथर्ववेद से सम्बंधित है जो माण्डूक्योपनिषद में आता है ।

दशोपनिषद् के डिजिटल एल्बम का विमोचन वैदिक विज्ञान केंद्र में आयोजित दस दिवसीय कार्यशाला के समापन में उपस्थित निम्न विद्वत् गणों के कर कमलों द्वारा किया गया था।

नेहा इससे पहले भी 2 विश्व रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। आपका पहला रिकार्ड 16 लाख मोतियों से 10×11 फुट का भारत का नक्शा बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया में तथा दूसरा 449 फीट कपड़े पर 38417 डॉट डॉट कर उंगलियों के निशान से हनुमान चालीसा लिख कर यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज है।

नेहा की बहुत सी अलग-अलग विधाओं में कला सुर्खियों में रहती हैं, कभी मासलों से, कभी केवल भगवद् नाम लिख-लिख कर, तो कभी पत्तियों से, तो कभी अगरबत्ती की राख आदि से विभिन्न कलाओं की प्रदर्शन करती रहती है।

कुलदीप 


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