लखनऊ विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत परास्नातक कार्यक्रमों में पाठयक्रम को संशोधित कर उन्हें व्यवस्थित ढंग से लागू करने को लेकर कुलपति प्रो आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में दिनांक 9 फरवरी 2021 को एक बैठक हुई। जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के समस्त संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, निदेशक, समन्वयक एवं समस्त प्रभारी सम्मिलित हुए। इस प्रणाली हेतु गठित विशेष समिति के सदस्य प्रो पूनम टण्डन, प्रो मधुरिमा लाल एवं प्रो पीयूष भार्गव भी उपस्थित रहे।
बैठक में चर्चा का विषय रहे प्रमुख बिन्दु
1. नवीन परास्नातक पाठ्यक्रम के अनुसार छात्रों द्वारा एक वर्ष का अध्ययन पूर्ण किये जाने पर यदि विद्यार्थी चाहे तो पी.जी. डिप्लोमा लेकर वह निर्गम कर सकता है। छात्र द्वारा पूरा दो वर्ष का कोर्स अध्ययन करने के उपरान्त उसे पी.जी. की डिग्री प्रदान की जायेगी।
2. इस प्रणाली के अन्तर्गत दो वर्ष के चार सेमेस्टरों में उसे कुल 96 क्रेडिट पूर्ण करने होंगे।
3. इस प्रणाली का ढांचा सभी विभागों/संकायों हेतु समारूप होगा। जिससे कि भविष्य में परीक्षाफल, एडमिशन, पर्यवेक्षण, क्रेडिट स्थानान्तरण इत्यादि समस्त धाराओं में एकरूपता विश्वविद्यालय स्तर पर बनाई जा सके।
4. इस नवीन पद्वति के अन्तर्गत शिक्षार्थियों को अनिवार्य रूप से इन्र्टशिप, इन्टर एवं इन्ट्रा विभागीय प्रोग्राम एवं विविध वैकल्पित विषयों के विभिन्न प्राविधान रखा गया है। जो शिक्षण की गुणवत्ता का संवर्धन करता है।
5. इसमें कोर कोर्सेज के साथ मूक के अन्तर्गत आॅनलाईन पठ्न-पाठ्न से छात्र-छात्राओं में ऑनलाइन डिजिलाईजेशन का पूरा प्राविधान रखा गया है।
6. नवीन पद्वति की विशेषता यह भी है कि उसमें विशेष रूप से शिक्षार्थियों के गुणवत्ता परक संवर्धन हेतु विभिन्न विषयों के सम्मिलित किये जाने से न सिर्फ उनका बौद्विक विकास अपितु उनका बहुमुखी विकास भी सम्भव होगा।
7. सम-सामियक, अति आवश्यक, बच्चों में प्रोफेसनल सम्वर्धन हेतु उन्नतशील शोध का समायोजन भी एक अनूठी पहल है।
अराधना मौर्या