अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल के कार्यकाल का दो वर्ष 22 नवम्बर को पूर्ण हो गया। प्रो0 गोयल ने इन दो वषों के दौरान विश्वविद्यालय को एक नई पहचान दिलाई। कुलपति के नेतृत्व में ही प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद के पहले दीपोत्सव में विश्व कीर्तिमान बना। इसके अलावा अन्तरराष्ट्रीय योग शपथ में विश्वविद्यालय को राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। 30 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल निर्देश में विश्वविद्यालय प्रशासन ने राम नगरी के 55 घाटों पर 30 हजार वालंटियर की मदद से 25 लाख 12 हजार 585 दीपों को प्रज्ज्वलित कर गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्ड में सातवीं बार नाम दर्ज कराया। वही 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग शपथ में कुलपति प्रो0 गोयल के नेतृत्व में 1,23,667 योग शपथ दिलाने के लिए राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
दूसरी ओर कुलपति प्रो0 गोयल के दो वर्ष के कुशल कार्यकाल में तीसरी बार भव्य दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ। समारोह में सत्र 2023-24 में विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए 200218 उपाधियाँ भारत सरकार के डिजिलॉकर में ई-प्रमाणपत्र के रूप में अपलोड की गई। वहीं सर्वोच्च अंकों से उत्तीर्ण होने वाले 116 स्वर्ण पदक छात्र-छात्राओं को प्रदान किए गए। वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को सत्र 2021-22 से स्नातक स्तर पर तथा सत्र 2022-23 से परास्नातक स्तर पर विज्ञान, वाणिज्य तथा कला एवं मानविकी संकायों के अंतर्गत सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया गया है, इसके अंतर्गत प्रथम बैच के विद्यार्थी सत्र 2023-24 में उत्तीर्ण हुए।
कुलपति के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय परिसर में उ.प्र. कौशल विकास मिशन के कौशल विकासार्थ एक स्किल हब स्थापित किया गया है जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय तथा सम्बद्ध महाविद्यालय के विद्यार्थियों को फूलों से इत्र, टूरिस्ट गाइड एवं कृषि से सम्बन्धित क्षेत्रों में कौशल विकास संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जिससे विद्यार्थियों के लिये रोजगार प्राप्ति के अवसर बढ़ेंगे। कुलपति के सद्प्रयास से विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की प्रतिभा उभारने के लिए अन्तर विभागीय, महाविद्यालयीय एवं विश्वविद्यालयीय खेल प्रतियोगिताओं के अतिरिक्त परिसर स्तर पर विभिन्न विषयों पर भाषण, निबंध, पोस्टर मेकिंग एवं पेन्टिंग प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। कुलपति प्रो0 गोयल ने विश्वविद्यालय को देश के विभिन्न उत्कृष्ट संस्थानों के साथ 55 शोध, शैक्षिक, प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट संबंधी एमओयू हस्ताक्षरित किए गए। इसके अतिरिक्त शैक्षिणिक विभागों द्वारा एक अंतर्राष्ट्रीय तथा 86 राष्ट्रीय संगोष्ठीयाँ एवं कार्यशालायें तथा 69 सह शैक्षणिक गतिविधियाँ आयोजित की गयीं। विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों द्वारा सत्र 2023-24 में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में 2 स्वर्ण, 3 रजत और 19 कांस्य पदक प्राप्त किए हैं।
कुलपति की सद्प्रेरणा से विश्वविद्यालय में गुणवत्तापरक शोध को प्रोत्साहित करने के लिए सत्र 2024-2025 से ‘‘शोध एवं विकास नीति‘‘ को क्रियान्वित किया गया है। इसके अंतर्गत शोध पुरस्कार, सीडग्रांट, उत्कृष्ट शोध पत्रों हेतु नगद पुरस्कार, शोध छात्रों के लिए फेलोशिप, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठियों के आयोजन और प्रतिभाग हेतु वित्तीय सहायता सुविधाएं प्रदान किए जाने के प्रावधान किया गया। इसके अतिरिक्त पी-एच.डी. स्कॉलर के लिए पी-एच.डी. थीसिस को समुचित, समान तथा वैज्ञानिक ढंग से लिखने तथा उसको जमा करने हेतु एक मार्ग निर्देशिका तैयार कर सत्र 2024-2025 से लागू की गई है। सत्र 2024-2025 से विश्वविद्यालय ने आवासीय परिसर के शिक्षकों के लिए ‘परामर्श नीति‘ को निर्मित करते हुए क्रियान्वित किया है, जिसका उद्देश्य बाहरी संस्थाओं तथा संगठनों को उन समस्याओं के संबंध में पेशेवर सलाह तथा समाधान प्रदान करना है जिनको वह स्वयं समाधान करने में सक्षम नहीं होते हैं। इसके क्रियान्वयन से शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के ज्ञान तथा दक्षता में अभिवृद्धि होती है और आर्थिक प्राप्ति भी होती है।
दूसरी ओर कुुलपति के निर्देशन में विश्वविद्यालय महिला अभियान के अंतर्गत अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर रहा है। महिलाओं एवं बालिकाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा, पौष्टिक आहार एवं नियमित दिनचर्या सम्बन्धी सकारात्मक कदम उठा रहा है। महिलाओं तथा बेटियों के सशक्तिकरण के लिए माधवपुर मसौधा गाँव में 08 प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविर आयोजित कराये गये। गोद लिए गए इस गाँव में क्षय रोग से ग्रसित मरीजों के स्वास्थ्य लाभ की समीक्षा की गई। टोनिया-विहारीपुर ग्राम पंचायत के भवन में सामूहिक कैंप का आयोजन कर क्षय रोग के लक्षणों एवं इसके निदान के बारे में जानकारी प्रदान की गई। नियमित उपचार के लिए दवाइयां भी उपलब्ध करवाई गईं है। वहीं कुलपति प्रो0 गोयल के मार्ग-दर्शन में अनुभूति एक प्रयास के अंतर्गत विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को वृद्ध आश्रमों जोड़ने का प्रयास किया गया है जिससे युवा वर्ग में बुजुर्गों के प्रति सम्मान और सेवा भाव जागृत हो सके। वहीं छात्रों में पढ़ने की रूचि विकसित करने के लिए फ्री ओपन लाइब्रेरी की शुरुआत एक नया सफल प्रयोग है। इसके अतिरिक्त, मशरूम उगाने की ट्रेनिंग भी शुरू की गयी है।
दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने कहा कि उनका विवि को नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) की ग्रडिंग ‘ए प्लस प्लस‘ दिलाना है। दो साल में विश्वविद्यालय को जो उपलब्धियां मिली है। इनमें सभी शिक्षक, अधिकारियों, कर्मचारियों के टीम भावना से किए कार्यों से मिली है। सभी के सहयोग से विश्वविद्यालय को नई ऊचाईयों पर पहुॅचाया जायेगा। शोध को बढ़ावा देने के साथ साथ छात्रों व शिक्षकों के हित में कार्य किया जायेगा। कुलपति प्रो0 गोयल के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने पर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी पूर्णेंन्दु शुक्ल, कुलसचिव डाॅ0 अंजनी मिश्र, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, उपकुलसचिव डाॅ0 दिनेश मौर्य, डाॅ0 रीमा श्रीवास्तव, मोहम्मद सहील सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों सहित अन्य प्रबुद्धजनों ने बधाई दी।