विश्लेषण वाली भाषा में सॉफ्टवेर की जरूरतः प्रो0 अरविन्द तिवारी
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में पीएम उषा के साफ्ट कंपोनेंट के अन्तर्गत आईईटी संस्थान के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में एक्सपलोरिंग पायथन स्किलः ए टेक्निकल वर्कशाप फाॅर इनोवेटर्स विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया। इस कार्यशाला में की अध्यक्षता करते हुए आईटी के निदेशक प्रो0 संत शरण मिश्र ने कहा कि वर्तमान में किसी भी इंडस्ट्री और स्वरोजगार के लिए स्किल का होना बहुत जरूरी है। इसकी उपयोगिता ज्ञानार्जन से हो सकती है। विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकी के बदलाव से परिचित होना जरूरी है।
मुख्य अतिथि प्रो. अरविन्द कुमार तिवारी केएनआईटी सुल्तानपुर ने पाइथन स्किल के महत्व को बताते हुए कहा कि इंडस्ट्री में उच्च स्तर की गुणवत्तापूर्ण सॉफ्टवेर उपलब्ध है। इससे मिलने वाली उपयोगी विश्लेषण वाली भाषा में सॉफ्टवेर की जरूरत है। वर्तमान में कई उद्योग एवं डाटा विश्लेषण कंपनी रोजगार उपलब्ध कराने में सहायक है। ये सॉफ्टवेर प्रोग्राम एवं वेबसाइट बनाने के लिए स्किल्ड इंजीनियरिंग के छात्रों को रोजगार उपलब्ध करा रही है। कार्यशाला में विशिष्ठ अतिथि डाॅ0 सुधाकर त्रिपाठी आरईसी, अम्बेडकर नगर ने ए.आई, मशीन लर्निंग और पाइथन लैंग्वेज से जुड़ी बारीकियां को समझाते महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। कहा कि पाइथन की सरलता और लचीलापन शोधकर्ताओं और डेवलपर्स को जटिल भाषाई समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाता है। इसी क्रम में डाॅ0 रजनीश पाडेय ने भी संबोधित किया।
इस कार्यशाला की रूपरेखा डॉ. आशीष कुमार पाण्डेय और डॉ. अवधेश कुमार दीक्षित द्वारा रखी गई। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. चंदन कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ. वन्दिता पांडे, डॉ. प्रियंका श्रीवास्तव, डॉ. सुधीर श्रीवास्तव, डॉ. मयंक अग्रवाल, डॉ. रवि पाण्डेय, डॉ. नितेश दिक्षीत, डॉ. प्रदीप वर्मा, इं. दिलीप कुमार, डॉ. शोभित श्रीवास्तव, डॉ. पीयूष राय, इं. दीपक अग्रवाल, डॉ. दिनेश कुमार राव, डॉ. आशुतोष कुमार सिंह, डॉ. अवधेश मौर्या, डॉ. आर के सिंह, डॉ. रमेश मिश्रा सहित अन्य शिक्षक एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे।