गुरुकुल के मूल सिद्धांत ज्ञान, सेवा व अनुशासन से नवाचारितः प्रो0 दिलीप सराह

Update: 2025-02-20 12:12 GMT



भारतीय ज्ञान विज्ञान अब पश्चात संस्कृति के लोगों द्वारा अपनाई जा रही हैः प्रो0 मंजुला उपाध्याय


अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन एवं उद्यमिता विभाग में पीएम उषा के साॅफ्ट काॅम्पोनेंट के तहत रिलवेन्स ऑफ इंडियन नॉलेज सिस्टम इन इंडिया विषय पर आयोजित कार्यशाला में तीसरे दिन छात्र-छात्राओं को ज्ञान गंगा की त्रिवेणी में दिव्य भव्य नव्य भारतीय पुरातन ज्ञान परंपरा व सिद्धांतों को संग्रहित करने का अवसर मिला।

देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रो0 दिलीप सराह द्वारा छात्र-छात्राओं को नैतिक मूल्य ,आश्रम पद्धति, वर्ण व्यवस्था तथा गुरुकुल में दिए जाने वाले मूल सिद्धांतों ज्ञान ,सेवा ,अनुशासन से नवाचारित किया गया। लखनऊ के नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्रो0 मंजुला उपाध्याय ने भारतीय ज्ञान विज्ञान परंपरा जो कि अब पश्चात संस्कृति के लोगों द्वारा अपनाई जा रही है। वह हमारे मूल आचरण का पूर्व में ही मूल्यवान हिस्सा रह चुकी है। उन्होंने भगवत गीता में वर्णित सिद्धांतवाद आदर्शवाद के महत्व को बताया।

अवध विवि के प्रो0 शैलेंद्र कुमार वर्मा ने छात्र-छात्राओं को भारतीय ज्ञान परंपरा की तुलना इक्कीसवी शताब्दी की ज्ञान परंपरा से कर पुरातन ज्ञान संस्कृति से तुलना कर आधुनिक अध्ययन ज्ञान परंपरा से अवगत कराया। पुष्पक विमान, श्री रामचरितमानस में वर्णित कुशल प्रबंधन, महाभारत के कुशल प्रबंधन, तुलसीदास जी द्वारा हनुमान चालीसा में वर्णित सूर्य पृथ्वी की दूरी जिसे नासा अब जान पाई वह हमारे यहां पूर्व में ही घोषित की जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि नालंदा तक्षशिला हमारे ज्ञान का केंद्र रहे विश्वविद्यालय को आक्रांताओं ने कैसे नष्ट किया क्योंकि वह हमारे विहंगम ज्ञान परंपरा से कितने भयभीत थे छात्र-छात्राओं को चारों वेदों की उपयोगिता के बारे में बताकर वास्तव में छात्र-छात्राओं के मनोबल व मनोभाव को शिखर पर ले जाने का कार्य किया गया। कार्यशाला में विशिष्ट अतिथियों के रूप में मनीष मेहरोत्रा मिस्बिसी फाइनेंस केलिफोर्निया यूएसए देवी सिंह कुमावत इंटेल यूएसए, विनय जलन पैराडाइज हेल्थ केयर कैलिफोर्निया यूएसए ने छात्र-छात्राओं से संवादश् कर उन्हें ज्ञानवर्धन उपयोगी सिद्धांतों एवं तकनीक से परिचय कराया।

प्रो0 वीके सिंह विभागाध्यक्ष व डीन फैकेल्टी आफ मैनेजमेंट स्टडीज गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार द्वारा विज्ञान तकनीकी कला संस्कृति दर्शन व नीति के तात्कालिक महत्व को विद्यार्थियों के साथ सहज भाव से बताया गया। कार्यक्रम कार्यशाला में आए हुए विशिष्ट वक्ताओं का विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।                                                             

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