विश्वविद्यालय आने वाले समय में शिक्षा का उत्कृष्ट केंद्र बनेगाः कुुलपति कर्नल डाॅ0 बिजेन्द्र सिंह

Update: 2025-10-13 12:20 GMT



दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल डाॅ0 बिजेन्द्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक की विकास यात्रा का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना 4 अप्रैल 1975 को हुई थी और वर्तमान में यह प्रदेश के सात जनपदों अयोध्या, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, संतकबीरनगर और अंबेडकरनगर के 653 महाविद्यालयों से संबद्ध है। लगभग 6 लाख छात्र-छात्राएँ यहाँ अध्ययनरत हैं। इनमें 2 संघटक, 6 राजकीय, 15 अनुदानित और 83 विधि महाविद्यालय शामिल हैं।

परिसर के 11 संकायों में 94 पाठ्यक्रम संचालित हैं, जिनमें स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध स्तर की पढ़ाई सुचारू रूप से हो रही है। कुलपति ने बताया कि वर्ष 2024-25 की परीक्षाओं में कुल 208966 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिनमें से 189119 सफल हुए। छात्राओं की सफलता दर 58 प्रतिशत और छात्रों की 42 प्रतिशत रही। इस वर्ष कुल 140 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए, जिनमें से 84 छात्राओं ने अर्जित किए। यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि शिक्षा के हर स्तर पर महिलाएँ अग्रणी भूमिका निभा रही हैं और यह उपलब्धि महिला सशक्तिकरण की दिशा में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

समारोह में कुलपति डाॅ0 सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने हाल के वर्षों में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में कई पहल की हैं। परिसर में सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित कर 24 घंटे बिजली आपूर्ति की योजना फरवरी 2026 तक पूरी कर ली जाएगी। जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन की व्यवस्था भी की जा रही है। विश्वविद्यालय के प्रयोगशालाओं और विभागों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि अयोध्या क्षेत्र में पीएम-10 का स्तर राज्य मानकों से अधिक है, जबकि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड सामान्य सीमा में हैं। इस


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