एलयू: महाविद्यालयों में शोध की संभावना की तलाश हेतु 5 सदस्यी समिति का हुआ गठन.....

Update: 2021-06-05 05:05 GMT



पिछले कुछ वर्षों में लखनऊ विश्वविद्यालय ने शोध के क्षेत्र में कई नए मुकाम हासिल किए हैं। पिछले 2 वर्षों में इन नए अभिलेखों की वजह से विश्वविद्यालय को कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में उत्कृष्ट स्थान भी प्राप्त हुआ, जिनमें विश्व भर के विभिन्न शिक्षा संस्थानों को उनके शोध की गुणवत्ता के आधार पर ही आकलन किया जाता है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के शोध को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति को बलवती करने एवं नई शिक्षा नीति के अनुसार शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लखनऊ विश्वविद्यालय के उन महाविद्यालय के अध्यापकों को शोध निर्देशन की संभावना तलाशने के लिए एक 5 सदस्यी समिति का गठन किया गया है जहाँ सिर्फ स्नातक कार्यक्रम ही पढ़ाए जाते हैं।

उक्त समिति अति शीघ्र इस विषय पर विमर्श कर कुलपति को 15 जून 2021 तक अपनी आख्या प्रस्तुत करेगी। इस समिति के सदस्य हैं लखनऊ विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक्स व दर्शन शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राकेश चंद्रा, विश्विद्यालय की डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर व भौतिक शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पूनम टंडन, व्यापार प्रशासन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ संगीता साहू, प्राचार्य, नेताजी सुभाष राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीगंज, लखनऊ और प्राचार्य, डी ए वी डिग्री कॉलेज ऐशबाग, लखनऊ। समिति से अपेक्षा की गई है की इस संदर्भ में सभी हितधारकों से संवाद स्थापित करें।

लखनऊ विश्वविद्यालय के स्नातक पाठ्यक्रम के बहुत अध्यापकों ने इस विषय पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए विश्विद्यालय के डीन, कॉलेज विकास परिषद (College Development Council)

प्रो अवधेश त्रिपाठी, से संपर्क किया जिन्होंने यह विषय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के समक्ष यह प्रस्ताव रखा। प्रो आलोक राय ने कहा कि इस रिपोर्ट को विश्विद्यालय की शीघ्र होने वाली विद्या परिषद में रखा जा सकता है जिससे इसका लाभ छात्रों, अध्यापकों व विश्विद्यालय सभी को शीघ्रातिशीघ्र प्राप्त हो सके।

अराधना मौर्या

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