भाषा विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हेतु DBT द्वारा दो लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति
लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (KMCLU) के फार्मेसी संकाय द्वारा आयोजित होने वाले आगामी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन "ड्रग डिस्कवरी, डेवलपमेंट एंड ड्रग डिलीवरी" के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), भारत सरकार से ₹2,00,000 की महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है। यह घोषणा विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो इस प्रतिष्ठित तीन-दिवसीय आयोजन को सशक्त बनाएगी।
डीबीटी ने यह अनुदान DBT-CTEP (Conference, Training and Education Program) योजना के तहत स्वीकृत किया है। विश्वविद्यालय की फार्मेसी संकाय की निदेशक प्रो. (डॉ.) शालिनी त्रिपाठी को Proposal ID: DBT/CTEP/01/20250959611 के तहत यह स्वीकृति पत्र प्राप्त हुआ है।
यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 17 से 19 नवम्बर 2025 तक विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित होगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने इस अनुदान को शोध और नवाचार के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की बढ़ती प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया।
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य फार्मेसी के क्षेत्र में नई दवा खोज, विकास तथा वितरण प्रणाली से जुड़े नवीनतम अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करना है। इसमें देश-विदेश से प्रमुख वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, उद्योग विशेषज्ञ और शोधकर्ता प्रतिभाग करेंगे और अपने अनुभव तथा शोध कार्य साझा करेंगे ।
DBT अनुदान की प्राप्ति ने ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय की फार्मेसी फैकल्टी को वैश्विक मंच पर अनुसंधान और ज्ञान साझा करने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया है।