भाषा विश्वविद्यालय: एकदिवसीय युवाओं के लिए कार्यशाला “Understanding Boundaries and Staying Safe” का आयोजन

Update: 2025-11-10 11:39 GMT


लखनऊ, 10 नवम्बर 2025। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ के अटल हॉल में विधि अध्ययन संकाय द्वारा लखनऊ स्थित गैर-सरकारी संगठन एएएलआई (Association for Advocacy and Legal Initiatives) के सहयोग से “Understanding Boundaries and Staying Safe” विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. दीक्षा मिश्रा, विधि अध्ययन संकाय की प्राध्यापिका द्वारा स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने एएएलआई की प्रतिनिधियों का परिचय कराते हुए युवाओं में विधिक जागरूकता के महत्व पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला के दौरान एएएलआई की वक्ता सुश्री फकरुनिस्सा ने विद्यार्थियों के साथ संवादात्मक सत्र के माध्यम से व्यक्तिगत सीमाओं, सहमति, स्वस्थ संबंधों एवं कानूनी सुरक्षा उपायों पर विस्तृत चर्चा की। सत्र के दौरान “Tea Consent” नामक प्रसिद्ध उदाहरण के माध्यम से यौन सहमति (Sexual Consent) की अवधारणा को सरल और प्रभावी रूप में समझाया गया, जिससे विद्यार्थियों को विषय की स्पष्ट समझ प्राप्त हुई।

कार्यशाला में स्टॉकिंग जैसे गंभीर विषयों और भारतीय कानून के अंतर्गत उपलब्ध विधिक उपायों पर भी चर्चा हुई। विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और निर्भया प्रकरण से संबंधित प्रश्न उठाए, जिसके माध्यम से कानूनी सुधार, न्याय प्रणाली और सामाजिक जागरूकता की भूमिका पर सार्थक चर्चा हुई।

कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्ष डॉ. पियूष कुमार त्रिवेदी ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए एएएलआई की टीम, संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ युवाओं में कानूनी चेतना विकसित करने में सहायक सिद्ध होती हैं।

इस अवसर पर प्रो. मसूद आलम, अधिष्ठाता, विधि अध्ययन संकाय, डॉ. नीरज शुक्ला, प्रॉक्टर तथा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षकगण उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के समापन पर विश्वविद्यालय और एएएलआई के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर भी किए गए, जो भविष्य में विधिक जागरूकता संबंधी गतिविधियों के संयुक्त आयोजन का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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