फुलब्राइट-नेहरू अकादमिक क्षेत्र में फेलोशिप प्रदान करता हैः गायत्री सिंघल
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल के निर्देश पर सोमवार को अपराह्न संत कबीर सभागार में यूनाइटेड स्टेट-इण्डियन एजुकेशनल फाउंडेशन, नई दिल्ली की ओर से ”फुलब्राइट-नेहरू एण्ड फुलब्राइट फेलोशिप आॅपच्यरूनिटीज इन द यूएस” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में इण्डियन प्रोग्राम मैनेजर गायत्री सिंघल ने बताया कि फुलब्राइट-नेहरू अकादमिक और व्यावसायिक उत्कृष्टता के क्षेत्र में फेलोशिप प्रदान करता है। यह अग्रणी संस्था है और भारतीय संकायों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों को अमेरिकी संस्थान में पढ़ाने, अनुसंधान करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि इस फेलाशिप को प्राप्त करने में उत्तर प्रदेश रैकिंग में तीसरा स्थान है।
उत्तर प्रदेश के पूर्वाच्चल क्षे़त्र के उच्च शिक्षण आगे है। उन्होंने बताया कि अर्थशास्त्र, पर्यावरणीय अनुप्रयोगों, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक अध्ययन सहित अन्य विषयों में अध्ययन के लिए फुलब्राइट-नेहरू मास्टर फेलोशिप प्रदान करता है। कार्यशाला में प्रोग्राम मैनेजर ने बताया कि यह सस्थान 160 देशों में संचालित है। वर्तमान में 4 लाख अनुसंधानकर्ता है। जिनमें 8 हजार अनुदान एनुअली दिया जाता है। 21 हजार फेलोशिप यूएसआईईएफ द्वारा दिया जाता है। भारतीय मास्टरर्स के लिए अमेरिका में उच्च शिक्षा में फेलोशिप उत्कृष्ट अनुसंधान कर सकते है।
कार्यशाला में यूएसआईईएफ की इण्डियन प्रोग्राम कोर्डिनेटर प्रतिभा नायर ने बताया कि फुलब्राइट फेलोशिप के लिए शोधकर्ताओं के पास पीएच.डी. होना अनिवार्य है। इसके अलावा कम से कम पांच साल का शिक्षण, अनुसंधान, व्यावसायिक अनुभव होना चाहिए। उन्होंने बताया कि अकादमी से बाहर के पेशेवरों के पास मास्टर डिग्री और कम से कम पांच साल का प्रासंगिक अनुभव होना चाहिए।
इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने फलोशिप लेने के लिए अन्य प्रक्रियाओं से भी अवगत कराया। कार्यशाला में अतिथियों का स्वागत अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 नीलम पाठक द्वारा किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ भेटकर किया गया। कार्यशाला का संचालन प्रो0 नीलम ने किया। इस अवसर प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह, प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 फरूऱ्ख जमाल, प्रो0 शैलेन्द्र कुमार, डाॅ0 नीलम यादव, डाॅ0 शिवी श्रीवास्तव, डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डाॅ0 मणिकांत त्रिपाठी, डाॅ0 महेन्द्र पाल सिंह, डाॅ0 कपिलदेव, डाॅ0 प्रवीण राय, डाॅ0 निमिष मिश्रा, डाॅ0 प्रदीप सिंह, डाॅ0 पंकज, डाॅ0 अंकित मिश्र, आशीष मिश्र, प्रवीण मिश्र, ज्ञान प्रकाश सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।