रिसेन्ट डेवलपमेन्ट की जानकारी शोद्यार्थियों को रखनी होगीः प्रो0 एसएस मिश्र
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्र्रतिभा गोयल के निर्देशन में गणित एवं सांख्यिकी विभाग में रिसेन्ट एडवान्सेज इन मैथेमेटिकल साइन्सेज विषय पर दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो० एथान्स पापाठोपलस, स्ट्रासवर्ग विश्वविद्यालय, फ्रान्स, विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो० एस० एस० मिश्र, विभागाध्यक्ष प्रो० एस० के० रायजादा, पूर्व संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो० सी० के० मिश्र सहित अन्य अतिथियों द्वारा माॅ सरस्वती की चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो० एथान्स ने स्फेरिकल जैमेट्री, यूक्लीडियन जेमेट्री एवं हाइपरवोलिक जेमेट्री के बारे में बताया। कहा कि त्रिभुज के तीनों अंत कोणों का योग स्फेरिकल जेमेट्री में दो समकोण के बराबर न होकर 270 डिग्री होता है। उन्होंने स्फेरिकल जेनेट्री के विभिन्न प्रमेयो का उदाहरण देते हुए बताया कि यूलर एक महान गणितज्ञ थे जिन्होने गणित के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 800 शोध पत्र एवं 80 किताबें प्रकाशित किए। आज हम सभी उनके गणित के क्षेत्र में किए गए कार्यो पर कार्य कर रहे है।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो० एस० एस० मिश्र ने बताया कि वर्तमान समय में गणितीय विज्ञान के क्षेत्र में रिसेन्ट डेवलपमेन्ट की जानकारी रखना बहुत ही आवश्यक है। निश्चित रूप से गणित के क्षेत्र में शोधार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो० मुकुट मणि त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष गणित बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने विकसित गणित विकसित भारत विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने ज्यामिति के विकास की चर्चा करते हुये कहा कि सूर्योदय जब होता है तो उसका आकार वृत्त जैसा होता है। उन्होंने सूर्योदय को वृत्त से जोड़ते हुये कहा कि ब्रह्माण्ड की प्रथम खोज वृत्त है एवं दूसरी खोज सरल रेखा है। यूक्कीडियन स्पेस में वृत्त एवं सरल रेखा की वक्रता अचर होती है। प्रो० त्रिपाठी ने कहा कि गणित से ज्यामिती नही है बल्कि गणित ज्यामिती का एक अंश है। गणित की जानकारी के बिना किसी तरह के विकास की परिकल्पना नहीं की जा सकती। वहीं विशिष्ट अतिथि प्रो० बैंकटेश्वर तिवारी पूर्व समन्वयक डी०एस०टी० सेन्टर फार इन्टरडिप्लीनरी मैथेमेटिकल साईन्सेज, बी०एच०यू०, वाराणसी ने यूक्कीडियन जेमेट्री टू नान यूवनीयन जेमेट्री विषय पर बताया कि ज्यामिती पूरे पृथ्वी को मापने का माध्यम है। यूक्लीड के पाँचवे पासचूलेट एवं उसके एवं वर्जन पर चर्चा करते हुए कहा कि ग्रेटसरकिल एक ऐसा सरकिल है जो कि स्फेरिकल स्पेस में दो बिन्दुओं को जोड़ता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने आइसोमेट्री, करवेचर, टारसन के उपयोगों पर भी चर्चा की।
कार्यक्रम में गणित एवं सांख्यिकी विभागाध्यक्ष प्रो० एस० के० रायजादा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन सचिव डॉ० अभिषेक सिंह ने किया। अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम सचिव डॉ० पी० के० द्विवेदी द्वारा किया गया। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ० पी० के० द्विवेदी एवं डॉ० शेष कुमार पाण्डेय, किसान डिग्री कालेज बभनान ने किया। इस तकनीकी सत्र में 20 शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस कार्यक्रम में संयुक्त कार्यक्रम सचिव डॉ० मनोज कुमार, डॉ० संदीप रावत, अनीष मिश्रा, ललित कुमार, सचिन कुमार सहित शोद्यार्थी मौजूद रहे।